जनपथ न्यूज डेस्क,पटना
16 जुलाई 2022
पटना: बिहार में खुले जल स्रोत (मन, चौर एवं झील) मात्स्यिकी के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8 करोड़ 03 लाख 25 हजार रुपए के अनुमानित लागत व्यय पर खुले जलस्रोतों के लिए योजना की स्वीकृति प्रदान की है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि खुले जलस्रोत में मत्स्य उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने हेतु पेन आधारित मत्स्य पालन एक अनुशंसित एवं प्रचलित तकनीक है। देश के अन्य प्रदेशों के खुले जलस्रोतों में इसे सफलतापूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का मूल उद्देश्य आर्द्रभूमि जलस्रोतों (मन, चौर एवं झील आदि) में अर्द्धगहन और गहन मत्स्यिकी के द्वारा मत्स्य उत्पादकता एवं उत्पादन को बढ़ाना, प्रजाति विविधिकरण के माध्यम से जल कृषि को मजबूत बनाना, किसानों, मछुआरों की आमदनी को बढ़ाना तथा रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय-2 के तहत पशु एवं मत्स्य संसाधन का विकास के अंतर्गत आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर मछली पालन को बढ़ावा देने के संकल्पों को पूरा करने के दृष्टिकोण से ऐसी महत्वकांक्षी योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि खुले जलस्रोत में पेन आधारित मत्स्य पालन से इनके पारिस्थितिकी अस्तित्व को बरकरार रखते हुए मत्स्य पालन किया जा सकेगा तथा आपदा लचीलापन जैसे अंतर्निहित खूबियों के कारण यह तकनीक बाढ़ और सूखाड़ जैसी स्थिति में भी किसानों के नुकसानों में कमी लाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक नई योजना है, जिसे राज्य के सरकारी आर्द्रभूमि (मन, चौर एवं झील आदि) बाहुल्य जिलों में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेन आधारित मत्स्य पालन हेतु स्थल का चयन, आवेदनों का सृजन एवं लाभार्थियों के चयन हेतु पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इस योजना के तहत पेन या आर.एफ.एफ. (रिवराईन फिश फार्मिंग) के निर्धारित यूनिट (इनपुट सहित) 10.50 लाख रुपए पर 75 प्रतिशत अनुदान देय होगा। पेन या आर.एफ.एफ. निर्माण पर अनुदान एक बार देय होगा, परंतु इनपुट पर आगामी दो वर्षों में भी निर्धारित अनुदान दिया जा सकेगा, ताकि सतत् विकास हेतु किसानों को शुरुआती सहायता प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि आर्द्रभूमि के चिन्हिकरण, अंगुलिका संचयन, पेन या आर.एफ.एफ. का अधिष्ठापन एवं अनुदान भुगतान आदि कार्यों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु उप निदेशक, परिक्षेत्र की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें जिला मत्स्य पदाधिकारी सदस्य सचिव रहेंगे एवं मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, कनीय अभियंता और मत्स्य विकास पदाधिकारी सदस्य के रूप में नामित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में सरकार ने निजी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना को भी स्वीकृत किया है। सरकार की इन महत्वकांक्षी योजनाओं से राज्य में मछली के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ मछुआरा समाज के लोगों का जनजीवन बेहतर होगा तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे।