जनपथ न्यूज़ डेस्क
Report: टीम जनपथ
Editor: राकेश कुमार
4 जनवरी 2022
पूर्वी चंपारण: पूर्वी चंपारण के चकिया स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया के साथ संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, “कोई भी ऐसी जानकारी जिससे समाज की बेहतरी के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जा सके या जिससे समाज के बारे में बेहतर समझ हो, उसमें कोई दिक्कत नहीं है। उस नजरिए से जातीय जनगणना होनी चाहिए, मैं उसके पक्ष में हूं। जनगणना का कोई वैधानिक आधार नहीं है, जनता की आंखों में धूल झोंका जा रहा है। यह स्टेट सब्जेक्ट है ही नहीं। आज बिहार में कैटगरी चेंज करके नोनिया और बिंद समाज को ST हो जाने का आश्वासन सरकार की तरफ से दे दिया गया है।
लोहार को ST हो जाने का आश्वासन दे दिया है, जबकि ये अधिकार स्टेट के अंदर आता ही नहीं है। दलितों की गणना हो रही है, उसका वैधानिक आधार है। राजद ऐसा कर रही है तो हम इस पार्टी से अपेक्षा भी क्या कर सकते हैं? RJD वो पार्टी है जो जात, वेबकूफ़ी भरी बातें और नौटंकी करने के अलावा कुछ कर नहीं सकते हैं ये लोग। जिस पार्टी के शासनकाल में बिहार रसातल पर पहुंच गया और वो आज विकास की बात करती है, इससे बड़ी हास्यास्पद की बात क्या हो सकती है?”