विधानसभा सत्र / सरकार बहुमत की है, खरीद-फराेख्त की नहीं, लोगों के चमकते चेहरे पर दिखेगा सरकार का काम : सीएम
जनपथ न्यूज़  रांची. विधानसभा से  बुधवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 की 4,210.8 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट अाैर अनुदान मांग पारित हो गए। विधानसभा में चली गरमा-गरम बहस अाैर तीखी नाेंक-झाेंक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में सीएनटी-एसपीटी के उल्लंघन के मामले में गठित एसअाईटी रिपाेर्ट पर वे अवश्य कार्रवाई करेंगे। कहा कि उनकी सरकार टीवी, मीडिया में नहीं, बल्कि लाेगाें के चमकते चेहरे में दिखेगी। सभी के घराें में चूल्हे जलते दिखेंगे। इसके लिए संयम रखना हाेगा अाैर सकारात्मक सहयाेग की जरूरत हाेगी। सीएम साेरेन ने कहा कि उनकी सरकार व्यक्ति निर्माण अाधारित विकास माॅडल याेजनाअाें पर काम करेगी। सिर्फ सड़कें बना लेने से कुछ नहीं हाेता, बल्कि उस पर चलने वाले काे उसके लायक बनाना हाेगा।
सीएम ने कहा कि कुछ काे छाेड़कर सभी लाेगाें ने माना की सरकार काे श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। यह विभागवार भी हाेना चाहिए, ताकि यह पता चले की स्थिति क्या है। कुछ लाेगाें ने इस पर चिंता जताई है। एक तरफ पूरा राज्य अाशा भरी निगाहाें से देख रहा है, ताे दूसरी अाेर अव्यवस्था का माहाैल है। सरकार इस बीच काेई न काेई रास्ता निकालेगी। मेरी सरकार बहुमत की सरकार है। यह खरीद-फराेख्त वाली सरकार नहीं है। कुछ लाेगाें ने सरकार के समक्ष चुनाैतियाें की बात कही है। जाे सरकार ही नहीं, सदन के लिए भी चुनाैती है। जिस तरह की व्यवस्था पिछले पांच साल तक चली, उसमें सत्ता पक्ष विपक्ष में चला गया। जनता ने जिस अाशा से सत्ता साैंपी है, उसके अनुरूप ही हर कदम उठाएंगे। विभिन्न विभागाें में अनुबंध पर अाैर मानदेय पर काम करने वाले लाेगाें का वेतन लंबित है। उनकी सरकार हर उस व्यक्ति का भुगतान करेगी, जिसने काम किया है। इसी वजह से अनुपूरक बजट लाया गया है।
सरयू ने विभागाें का फाइनेंसियल अाैर फिजिकल अाॅडिट कराए
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने अनुपूरक बजट पर बहस में भाग लेते हुए सदन में कहा कि सरकार सभी विभागाें का फाइनेंसियल अाैर फिजिकल अाॅडिट कराए। एेसा हाेगा ताे यह अागे के लिए नजीर बनेगी। जनता की गाढ़ी कमाई से पैसा अाता है, ताे यह कहां जाता है पता हाेना चाहिए। उन्हाेंने अनुपूरक बजट के बहाने पूर्व की सरकार काे घेरा। कहा कि सिस्टम अगर ठीक से काम नहीं करता ताे पैसे खर्च करने की अावश्यकता ही क्याें है। पूर्व में उन्हाेंने जमशेदपुर में बस जलाने के मामले में डीजी, गृह सचिव अाैर सीएम काे कई पत्र लिखे लेकिन अनुसंधान नहीं किया गया। जब सीधी कार्रवाई की बात की तब अनुसंधान हुअा। जमशेदपुर के एक नेता की जमीन की बंदाेबस्ती रद कर दी गई। इसके लिए तत्कालीन महाधिवक्ता ने काेर्ट के माैखिक अादेश का झूठ का हवाला दिया। काेर्ट की अापत्ति के बाद महाधिवक्ता ने अपना अादेश ताे वापस ले लिया लेकिन जमीन की बंदाेबस्ती अब भी रद है। इसी तरह एजी ने काेर्ट में अपनी अाेर से खान विभाग के मामले में शपथ पत्र दे दिया। इससे सरकार काेर्ट में हार गई। जब इसका विराेध करते हुए मिसकंडक्ट कहा ताे स्टेट बार काउंसिल में निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसका भी उन्हाेंने विराेध किया। 26 हजार लाेगाें काे एक दिन में नाैकरी देने का रिकार्ड बनाया गया। लिम्का बुक में यह दर्ज हुअा। इनमें अधिकांश लाैट गए। उन्होंने जमशेदपुर में 68 बस्तियाें का मामला उठाते हुए कहा कि पीएम माेदी ने जिस तरह से दिल्ली एनसीअार में लाेगाें की मदद की। उसी तरह जमशेदपुर में किया जाना चाहिए।

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