जनपथ न्यूज़ पटना. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा कि तेजस्वी यादव राजद के नेता है और राजद बिहार की मेजर पार्टी है। मेजर पार्टी का नेता ही गठबंधन का नेता होता है। ऐसे में बिहार महागठबंधन के नेताओं को समझ लेनी चाहिए कि जो इस फैसले में असहयोग करेगा वो सहयोगी नहीं रह पाएगा। पूरे देश में यही सिस्टम चलता है कि बड़ी पार्टी ही गठबंधन का नेतृत्व करता है। केरल, झारखंड, महाराष्ट्र समेत किसी गठबंधन शासन वाले राज्य को देख लें, समझ में आ जाएगा। वर्ष 2015 में हमने यहीं गलती की। छोटे दल के नेता को नेतृत्वकर्ता बना दिया। वो गलती अब दोबारा नहीं करेंगे।
राजद ने कहा-तेजस्वी पर समझौता नहीं
तेजस्वी के महागठबंधन के नेता होने पर हम, रालोसपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा लगातार उठाये जा रहे सवाल पर जगदानंद बाेले- अगर वे सहयोगी हैं तो जरूर मानेंगे। तेजस्वी डिसाइडेड लीडर हैं। बिहार में दो ही धड़ा है- राजद और भाजपा। बाकी पार्टियां इन दोनों की सहयोगी हैं या विरोधी। वर्ष 1990 की तरह हमारे लिए 2020 युग परिवर्तन का वर्ष है। वर्ष 1990 में लालू प्रसाद सीएम बने तो तीन दशक तक राज्य की राजनीतिक धारा तय की। उनके समकालीनों के रिटायर का समय चल रहा है। राज्य को अब युवा नेतृत्व की जरूरत है। तेजस्वी के समान प्रतिभाशाली, क्षमतावान कोई प्रतियोगिता में भी नहीं है। वर्ष 2020 में तेजस्वी सीएम बनेंगे।
सहयोगी बोले-सहमति से तय होगा नेता 
तेजस्वी गठबंधन के नेता नहीं हो सकते: कांग्रेस
कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि महागठबंधन का नेता कौन होगा इसपर फैसला महागठबंधन के नेता करेंगे। तेजस्वी आरजेडी के सीएम प्रत्याशी हो सकते हैं पर अभी वे महागठबंधन के नेता नहीं हैं। वहीं वीआईपी और रालोसपा ने भी कहा कि सिर्फ राजद तय नहीं करेगा मिलकर फैसला होगा।
जगदानंद की यह भाषा लोकतांत्रिक नहीं: मांझी
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन का नेता घटक दल मिलकर तय करेंगे। इस मुद्दे पर कोई एक दल कैसे निर्णय ले सकता है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर बोले-लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखने वाले व्यक्ति की ऐसी भाषा नहीं हो सकती।
लोजपा ने विधानसभा की 43 सीटों पर ठोका दावा
लोजपा ने विधानसभा की 43 सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है। शुक्रवार को सांसद पशुपति पारस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारा स्ट्राइक रेट 100% रहा। इसलिए हमारा दावा भी ज्यादा बनता है। विधानसभा के पिछले चुनाव में भी लोजपा 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। लोजपा गठबंधन की पुरानी सहयोगी पार्टी है। वैसे हमारी तैयारी 119 सीटों पर है।

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