आनन्द चौधरी
जनपथ न्यूज़ : नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और इस लड़ाई में मोर्चे पर सबसे आगे राज्य सरकारें हैं। इसलिए केंद्र को विकेंद्रीकृत नीति अपना कर राज्यों को ज्यादा सशक्त बनाना चाहिए। इस महामारी में स्थिति तेज़ी से बदल रही है, ऐसे में वास्तविक उपाय और मुकाबला करने की क्षमता राज्य सरकारों के पास ही है। पर राज्य सरकारें गम्भीर आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं।अधिकतर के पास लड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन और धन नहीं है।
कांग्रेस की प्रवक्ता सु्प्रिया श्रीनाथे ने कहा कि राज्यों के पास केंद्र सरकार की तरह धन जुटाने के लिए विकल्प नहीं होते हैं – मौद्रिक, राजकोषीय, अथवा ऋण नीतियां। जबकि वास्तविकता में तमाम निर्देशों और नीतियों का कार्यान्वयन राज्य सरकार ही कर रही हैं। हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि इस संकट से निपटने हेतु राज्यों के लिए कम से कम एक लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। इसे जनसंख्या के आधार पर या फिर कोरोना के संक्रमण के आधार पर उपलब्ध कराया जा सकता है।
राज्यों को सरकारी अस्पतालों के लिए क्वारंटाइन सुविधाओं, परीक्षण, पीपीई, थर्मल स्कैनर, वेंटिलेटर, एयर प्यूरीफायर और उपभोग्य सामग्रियों को मुहैया कराने के लिए धन की आवश्यकता है, साथ ही साथ उन्हें लॉकडाउन से प्रभावित और कमजोर लोगों को भी मदद मुहैया करानी है।
GST मुआवज़े की तत्काल भरपाई हो- केंद्र ने राज्यों को GST मुआवजे देने में देरी की है।केंद्र सरकार के पास राज्य सरकारों का क़रीब 48,000 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें से अब तक केवल 6195 करोड़ रुपये ही जारी किया गया है।आर्थिक गतिविधियाँ ठप्प हो गयी हैं और इसीलिए राज्य सरकारों के GST राजस्व में भी गिरावट आयी है।कई राज्यों ने जिसमें भाजपा शासित प्रदेश भी शामिल हैं, ने केंद्र सरकार से बिना विलम्ब GST मुआवज़े को अदा करने की माँग की है।
शून्य ब्याज दर पर राज्य सरकारों को ऋण मिलने की व्यवस्था हो- RBI के लिए आवश्यक है कि राज्य सरकारों को शून्य ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराए, सस्ते क़र्ज़े की अति आवश्यकता है। RBI द्वारा ‘वे और मीन्स एडवांस’ (WMA) में अतिरिक्त 30% की वृद्धि तो की गयी है पर यह काफ़ी ऊँचे ब्याज दर पर मिलने वाला ऋण है जो अधिकतर राज्य सरकारें नहीं ले पाएँगी। राज्यों के पास क़र्ज़ लेने के सीमित साधन हैं। केंद्र सरकार का दायित्व है कि राज्यों को यह जटिल लड़ाई लड़ने के लिए उचित धन और साधन मुहैया कराए।
वहीं आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक संकट से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं जिनमें नई संसद भवन बनाने की योजना को स्थगित करना, बजट खर्च में 30 प्रतिशत की कमी करना, गैर जरूरी विदेश यात्राओं पर रोक, सरकारी विज्ञापन पर रोक व पीएम केयर फंड की राशि को प्रधानमंत्री राहत कोष में डाल कर खर्च करने का सुझाव है।