जनपथ न्यूज़ पटना. राजद नेता तेजस्वी यादव के सरकारी बंगला (5, देश रत्न मार्ग) खाली कराने के मामले में सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। पांच दिसंबर को जिला प्रशासन की टीम तेजस्वी का बंगला खाली कराने पहुंची थी, लेकिन विरोध के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।
तेजस्वी ने पांच दिसंबर को कहा था कि बंगला खाली करने का मामला कोर्ट में है। हमलोग सेकेंड बेंच में हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं। हमारे घर में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाता है। सीएम अपराधियो को संरक्षण देते हैं और बार-बार पलटी मारते हैं। नीतीश कुमार के पास बिहार में दो बंगले हैं। एक मुख्यमंत्री होने के नाते और दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते। वह मुख्यमंत्री हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री का बंगला क्यों अपने पास रखे हुए हैं? या तो मुख्यमंत्री के बंगले में रहें या पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले में। पटना के अलावा दिल्ली में भी उन्हें बंगला मिला है।
तेजस्वी यादव ने खाली नहीं किया था बंगला
देश रत्न मार्ग स्थित बंगला न.5 तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री बनने पर राज्य सरकार की ओर से आवंटित किया गया था। हालांकि, बाद में जदयू महागठबंधन से अलग हो गया था और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके चलते तेजस्वी उप मुख्यमंत्री नहीं रहे। सत्ता जाने के बाद भी तेजस्वी यादव ने बंगला खाली नहीं किया था।
तेजस्वी ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
पिछले काफी वक्त से आवास बोर्ड विभाग तेजस्वी से यह बंगला खाली कराने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, बंगला खाली करने से बचने के लिए तेजस्वी ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। बाद में कोर्ट ने तेजस्वी की इस याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद तेजस्वी ने हाईकोर्ट के डबल बेंच में याचिका दायर की।
सुशील मोदी को अलॉट है यह बंगला
तेजस्वी यादव का यह बंगला उप मुख्यमंत्री के लिए है। राज्य में जदयू और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार बनने के बाद सुशील मोदी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। ऐसे में सरकार ने इस बंगले को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को अलॉट किया है। बिहार सरकार ने वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी को एक पोलो रोड का बंगला अलॉट किया है, जिसमें अभी सुशील मोदी रहते हैं।