नीतीश के पूर्व सहयोगी की पत्‍नी ने बेटी की दहेज हत्‍या के मामले में लगाई मुख्यमंत्री से गुहार, कहा-दबाव में काम कर रही पुलिस

राकेश कुमार/जनपथ न्यूज
अगस्त 31, 2021

पटना: बिहार की सेवान्ति देवी ने अपनी बेटी आराधना की दहेज हत्‍या से जुड़े मामले में सीएम नीतीश कुमार से गुहार लगाई है। महिला ने कहा है कि 31 अक्टूबर 2020 को बेगूसराय के ससुराल में आराधना की दहेज के लिए नृशंस हत्या कर दी गई। मामले की एफआईआर, बेगूसराय टाउन थाने में दर्ज है लेकिन इस मामले में अब तक 11 में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत से काम करने का आरोप लगाया गया है। सेवान्ति देवी के बेटे अमित कुमार ने बताया, ‘मेरी छोटी बहन आराधना की दहेज हत्या के मामले को लेकर रविवार को पंडारक में मेरी मां सेवान्ति देवी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मीडिया से जुड़े अमित ने बताया कि मेरी मां ने सीएम से बताया कि पुलिस आरोपियों के दबाव में आकर काम कर रही है। यही नहीं, सेवान्ति देवी ने पुलिस पर पैसे लेकर काम करने का आरोप भी लगाया है।’

सेवान्ति देवी के बेटे अमित ने बताया, ‘मेरा घर पटना के पंडारक में है। पिता स्व. शांति मोहन शर्मा उर्फ ओमजी पंडारक प्रखंड जेडीयू के 10 साल तक अध्यक्ष रहे। नीतीश कुमार उनके पुराने साथी हैं। नीतीश 2016 में पिताजी के निधन पर दो बार मेरे घर पंडारक भी आए थे लेकिन अब उन्हीं ओम जी की पत्नी, बेटी की दहेज हत्या के बाद इंसाफ की जंग लड़ रही हैं तो सीएम तक ने आंखें मूंद रखी हैं।’ अमित के अनुसार, ‘इस केस में आवेदिका मेरी मां हैं। 29 साल की आराधना की शादी बेगूसराय टाउन थाने के पोखरिया में हुई थी। 31 अक्टूबर 2020 को बेगूसराय के ससुराल में आराधना की दहेज के लिए नृशंस हत्या कर दी गई। एफआईआर नंबर 601/2020 बेगुसराय टाउन पुलिस स्टेशन है। हत्या के 10 महीने बाद भी बेगूसराय पुलिस ने इस केस में 11 में से 3 फरार आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है। कोर्ट वारंट के बावजूद ये स्थिति है।’

अमित के अनुसार, ‘बहन आराधना की हत्या उसकी 4 साल की मासूम बेटी के सामने गला घोंटकर हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्रताड़ना के बाद गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई। चश्मदीद बच्ची ने गला घोंटकर मारे जाने और सभी बुआ के मौके से भागने की बात बताई थी। बच्ची का वीडियो 17 नवंबर 2020 को ही बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार को सौंपा गया था। बावजूद इसके पुलिस ने आरोपी ननदों की गिरफ्तारी के लिए कुछ नहीं किया। चार्जशीट में इसका जिक्र तक नहीं है। हमारा पूरा परिवार इसको लेकर सीएम से गुहार लगाता रहा। सीएम के पीए दिनेश राय ने कई बार कहा कि सीएम साहब ने एसपी बेगूसराय को निर्देश दिए हैं लेकिन पुलिस आरोपियों की मिलीभगत से काम करती रही। पुलिस ने बेहद दबाव के बाद 87वें दिन चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में सास-ससुर और पति को आरोपी बनाया लेकिन ननदों को क्लीन चिट दे दी। इस पर सीजेएम बेगूसराय ने पुलिस को फटकार लगाते हुए इन सभी पर संज्ञान लिया। सीजेएम ने लिखा कि आरोपी बनाने को लेकर पर्याप्त बातें चार्जशीट में ही मौजूद हैं फिर गिरफ्तारी वारंट जारी होते रहे लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।

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