शराबबंदी पर समीक्षा बैठक खत्म, किए गए कई बड़े फैसले, थानेदार पर ही शराबबंदी की पूरी जिम्मेदारी, गड़बड़ की तो जाएगी ‘नौकरी………

राकेश कुमार/जनपथ न्यूज
नवम्बर 16, 2021

शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक खत्म हो गई है। करीब सात घंटे चली मैराथन बैठक में सीएम नीतीश ने एक-एक बिंदू पर समीक्षा की। बैठक में सभी मंत्री से लेकर अधिकारी और जिलों के डीएम-एसपी जुड़े थे। आखिरकार थानेदार पर ही पूरी जिम्मेदारी थोप दी गई। जिनके क्षेत्र में शराब बरामद हुई तो उनकी थानेदारी तो जाएगी ही, सीधी भूमिका होने पर 10 सालों तक थानेदारी से वंचित होना पड़ेगा। हालांकि डीजीपी ने कहा कि सिर्फ थानेदार ही नहीं बल्कि ऊपर के अधिकारियों पर भी शो-कॉज होगा।

बैठक के बाद डीजीपी व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस की। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताय़ा कि मुख्यमंत्री ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। जिन थानों में शराब को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, उन पर कार्रवाई करें। कहीं अगर सरकारी कर्मी की मिलीभगत से शराब आ रही है तो उसे माफ नहीं करने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय टीम अगर जिले में जाकर कार्रवाई करती है तो वहां के अधिकारी पर कार्रवाई करेगी। कॉल सेंटर में सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखने को कहा गया है। सारे प्रभारी मंत्री व सचिव को कहा गया है कि वे कम से कम एक दिन प्रभार वाले जिलों में जाकर समीक्षा करें। दूसरे राज्यों से जो शराब आ रही है, उस पर कार्रवाई करनी है। मुख्यालय स्तर के अधिकारी लगातार फील्ड में जाएंगे और शराबबंदी को सफल बनाएंगे।

वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि सबसे जो महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि इंटेलिजेंस मशीनरी को और बढ़ा कर छापेमारी करनी है। जो शराब का व्यापार कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई करनी है। किसी भी जिले के थाने में केंद्रीय टीम जाती है और शऱाब बरामद होती है तो थानेदार पर कार्रवाई होगी। हमारी प्राइमरी ड्यूटी क्राइम कंट्रोल है, इसमें कोई कमी नहीं करते हुए शराबबंदी को भी सफल बनाना है। किसी थानेदार की शिकायत आती है तो उसे 10 सालों तक थानेदारी नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा कि अगर सीधी भूमिका आती है तो उसे डिसमिश किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के स्तर पर लगातार रिव्यू करना है कि जो निर्देश दिया जा रहा वो जमीन पर उतर रहा या नहीं। डीजीपी एस. के. सिंघल ने आगे कहा कि चौकीदार-दफादार की बुनियादी जिम्मेदारी गांव के संबंध में जानकारी देनी है। उन्हें शराब के बारे में सूचना देना है। अगर वे यह काम नहीं करते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

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