पटना :- बिहार विधानसभा के तीनों चरण का चुनाव खत्म हो चुका है। न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल भी आ चुके हैं, जिसमें महागठबंधन को आगे बताते हुए बिहार की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में जाता दिखाया जाने लगा है। 10 नवंबर को ही वोटों की गिनती होगी और रिजल्ट भी सबके सामने होगा, लेकिन एग्जिट पोल आने के बाद से उम्मीदवारों की धड़कने तेज हो गई हैं। हार-जीत की चिंता उन्हें सताने लगी है। परेशानी चेहरे पर साफ तौर पर देखी जाने लगी है। यही चिंता रविवार को कुम्हरार से भाजपा के उम्मीदवार रहे अरुण कुमार सिन्हा की दिखी।

चुनावी माहौल वाली चहल-पहल नहीं
संजीव चैरसिया के खाजपुरा स्थित घर पर सन्नाटा पसरा था। कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं मिला। विधायक अंदर अकेले बैठकर कमर्चारी के साथ बात कर रहे थे। चुनाव के दौरान भीड़-भाड़ वाला जो माहौल रहता था, वह आज नहीं दिखा। बंदर बगीचा स्थित नितिन नवीन के घर पर भी सन्नाटा था। कोई नहीं था। घर की महिला और कुछ कर्मचारी थे। चुनाव के दौरान वाला माहौल यहां भी नहीं था। नाला रोड स्थित लव सिन्हा के घर पर भी सन्नाटा पसरा था। एक गार्ड वहां मिला। न कोई नेता था और न कोई कार्यकर्ता मिला। चुनाव के दौरान वाला माहौल यहां भी नहीं दिखा।

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