जनपथ न्यूज़ :- पटना, 29 मई  बिहार औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेष) नियमावली, 1947 मं संषोधन की कार्रवाई शुरू की गई है, जिससे संविदा कर्मियों के नियोजन अवधि समाप्त हो जाएगा तो संविदा कर्मी अने कंपनियों के समक्ष कोई दावा नहीं कर सकेंगे।

सूत्रों के अनुसार, केन्द्र सरकार इस कानून को पहले ही लागू कर चुकी है। देष के कई राज्यों में भी इस पर अमल हो रहा है। बिहार में भी इसे लागू करने की कवायद दो वर्षों से चल रही है। केन्द्र सरकार ने इस संबंध में स्मार पत्र भी भेजा है, जिसके कारण प्रक्रिया शुरू की गई है।

कल-कारखानों में काम करने के लिए मजदूरों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रस्तावित संषोधन सुनिष्चित करेगा कि अगर कोई फैक्ट्री संचालक किसी की सेवा कुछ दिनों, महीनों अथवा एक साल के लिए ही लेना चाहता है तो वह संबंधित पक्ष से करार करेगा। एकरारनामा समाप्त होने पर कंपनी ऐसे लोगों को सेवा से हटाने के लिए कोई अलग से नोटिस नहीं देगी। इससे यह साफ होता है कि जितने दिन के लिए नियोजन किया जायेगा उतना ही नि काम मिलेगा।

सूत्रों ने यह भी बताया कि कोई कर्मी जिस कम्पनी में एकरारनामा के आधार पर काम करते हैं उस कम्पनी पर एकरारनामा समाप्त होने के बाद और अधिक दिन काम करने के लिए दबाव नहीं बना सकता है। खासकर अगर ऐसे लोगों का ठेका या नियोजन नवीकरण नहीं हो तो कंपनियों की ओर से उन्हें कोई नोटिस या अतिरिक्त वेतन के हकदार नहीं होंगे।

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