जनपथ न्यूज़ डेस्क
30 जनवरी 2025
प्रयागराज महाकुंभ: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर एक तरफ जहां रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया. मौनी अमावस्या पर विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया. 3.7 करोड़ की जनसंख्या वाले विश्व के सबसे बड़े शहर टोक्यो को भी प्रयागराज ने पीछे छोड़ दिया. मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में संगम स्नान करने वाले 7 करोड़ श्रद्धालु और प्रयागराज की स्थानीय आबादी 59.5 लाख मिलकार प्रयागराज की कुल आबादी 7.60 करोड़ दर्ज की गई.
महाकुम्भ मेले में भगदड़ जैसी घटना के बाद ही पूरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम गंगा और संगम तट पर आता रहा. मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाम आठ बजे तक 7.64 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई. मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर शाम आठ बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों समेत कुल 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया.
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के अवसर पर बुधवार को भी महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. पुष्प वर्षा का यह नजारा बहुत ही अद्भुत दिखाई दिया. इससे पहले मकर संक्रांति पर भी पुष्प वर्षा की गई थी. मेला प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ मेले में अभी तक 19.94 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में चारों दिशाओं से करोड़ों की संख्या में लोगों का आना जारी रहा और जिला प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण करने के लिए चंद्रशेखर आजाद पार्क का गेट भी खोल दिया जिससे लोग सड़क के बजाय पार्क में बैठ गए.
मौनी अमावस्या के पर्व पर महाकुंभ में अभिनेत्री व भाजपा सांसद हेमा मालिनी और योग गुरु रामदेव ने भी संगम स्नान किया. स्नान के बाद हेमा मालिनी और रामदेव संतों और आचार्यों के साथ पूजा-अर्चना करते हुए दिखाई दिये.
मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए. इस बीच, बृहस्पतिवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है. इस बीच, पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंशुमान मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मेले में भीड़ कम होने तक वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी. साथ ही जब तक भीड़ मेला क्षेत्र से बाहर नहीं निकल जाती, बाहर की गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, हालांकि उच्च स्तर पर अधिकारी स्थिति को देखकर वाहनों के प्रवेश की अनुमति दे सकते हैं.