जनपथ न्यूज़ पटना :  महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना एनडीए से अलग होगी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि शिवसेना ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतात्रिंक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का फैसला किया है और पार्टी महाराष्ट्र में कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के समर्थन से सरकार बनाएगी। शिवसेना के एनडीए छोड़ने का सवाल जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो जाने भाई इसमें हमको क्या मतलब है?
राउत ने सामने आए घटनाक्रम में अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत देते हुए कहा, “हमने पहला कदम उठाया है … और अब हर पक्ष के लिए स्वीकृत न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर सरकार बनाने के लिए उचित कदम उठाना उन पर निर्भर है।” हालांकि, विपक्षी एनसीपी ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं और स्पष्ट रूप से शिवसेना का समर्थन करने से फिलहाल दूरी बना रखा है।
‘BJP मिला सकती है PDP से हाथ तो शिवसेना NCP-Cong के साथ क्यों नहीं’
वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “हमारे पास कोई जनादेश नहीं हैं। जिनके पास जनादेश है, उन्हें बनाना चाहिए। हमारा रुख कई बार स्पष्ट हो चुका है। सरकार का गठन कोई आसान काम नहीं है, और कई मुद्दे तस्वीर में उभरते हैं। हमारा अब भी किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ है।”
सेना के उद्देश्य की ईमानदारी को जाहिर करते हुए, राउत ने कहा कि पाटीर् अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के एकमात्र मंत्री, भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत को अपना पद छोड़ने का निदेर्श दे दिया है।
महाराष्ट्र: शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस-NCP ने नहीं खोले पत्ते
राउत ने स्पष्ट रूप से यह कहे बिना कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूट गया है और कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा गया है, सवालिया लहजे में कहा, “हाल के घटनाक्रमों और भारतीय जनता पाटीर् द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि वे हमें सत्ता से दूर रखना चाहते हैं। तो फिर राजग के साथ बने रहने का क्या मतलब बनता है?”
पटेल ने कहा कि अभी भी कोई चचार् नहीं हुई है और एनसीपी सोमवार सुबह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के साथ तेजी से बदलते परिदृश्य के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करने के बाद इस मामले में निर्णय लेगी।
कांग्रेस नेताओं के द्वारा अपराह्न में नई दिल्ली में पाटीर् प्रमुख सोनिया गांधी के साथ एक बैठक में घटनाक्रम पर चचार् करने की संभावना है।

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