हैप्पी डॉटर्स डे 2021: देश की शान बेटियां, हमारा अभिमान बेटियां, बेटा भाग्य से होता है लेकिन बेटी सौभाग्य से
राकेश कुमार/जनपथ न्यूज
सितंबर 26, 2021
भारत विकास के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी कई हिस्सों में बेटियों को लेकर गलत धारणा है कि बेटियां परिवार पर एक बोझ की तरह हैं। उनके जन्म से ही परिवार को दहेज से लेकर तमाम चीजों की चिंता होने लगती है। कई बार बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। उन्हें घरेलू हिंसा, दहेज और दुष्कर्म आदि का शिकार होना पड़ता है। बेटियों को बचाने और उनके प्रति समाज में जागरूकता लाने के लिए ही इस दिवस की शुरुआत की गई।
दुनिया भर की बेटियों के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने के साथ उन्हें खास होने का एहसास दिलाने के लिए सितंबर महीने के चौथे रविवार को डॉटर्स डे मनाया जाता है। इस दिन हम बेटियों की सफलताओं का जश्न मनाते हैं और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा देने की वकालत करते हैं।
बचपन से लेकर बड़े होने तक बेटी अपने मां-बाप की आंखों का तारा रहती है, बेटी के प्यार, समर्पण और त्याग को देखते हुए दुनिया में हर साल डॉटर्स डे मनाया जाता है, यह दिन पूरी तरह बेटियों को समर्पित है। अंतर्राष्ट्रीय डॉटर्स डे हर साल सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 26 सितंबर, चौथा रविवार यानि आज
डॉटर्स डे मनाया जा रहा है। हर रिश्ते का एक खास दिन मनाया जाता है, ऐसे में आज बेटी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का एक खास उद्देश्य है बिटिया दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य है लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना तथा उनके मन से इस भ्रांति को दूर करना कि बेटियां समाज के लिए बोझ हैं। अपनी बेटियों को किसी से कम न समझें, उनको भी बराबरी का हक दें। आज यह धारणा टूट रही है कि बेटियां, बेटों से किसी भी मामले में कमतर हैं। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लड़कियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है।
बेटी एक खूबसूरत एहसास होती है। निश्छल मन सी परी का रूप होती है। तपती धूप में शीतल हवाओं की तरह वो हर दर्द का इलाज होती है। घर की रौनक आंगन में चिड़िया की तरह, अंधकार में उजाले की खिलखिलाहट होती है। पिता की पगड़ी, गर्व, सम्मान होती है। बेटी एक खूबसूरत एहसास होती है। सीमा भट्टी की ये पंक्तियां आज के दौर में बेटियों पर सटीक बैठती हैं। जो हर मुश्किल दौर में अपनों और परायों की मदद के लिए हर वक्त डटी रहती है।
इस बार भी बिटिया दिवस के अवसर पर देश-विदेश में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। दुनियाभर में बेटियों ने अपनी काबिलियत साबित की है. फिर चाहे कल्पना चावला हो या ऐश्वर्या राय बच्चन, किसी ने साइंस में सफलता हासिल की तो किसी ने खूबसूरती की दुनिया में अपना लोहा मनाया।
बेटियों को भी बेटे के समान ही महत्व व सम्मान दिया जाए। इस खास दिन पर बेटियों को उनकी उपलब्धियों और उनके महत्व के बारे में बताया जाता है। साथ ही बेटियों को यह अहसास कराया जाता है कि वह बेटों से किसी भी तरह कम नहीं है। जिन परिवारों में बेटियां होती है, उन्हें माता-पिता कोई उपहार देते हैं। उनके साथ जश्न मनाते हैं।
भारत में बेटियों को अलग महत्व दिया जाता है। बीते जमाने में बेटियों का बचपन में ही हाथ पीले कर दूसरे घर भेज दिया जाता था। उनकी भूमिका सिर्फ रसोई घर तक सीमित रह जाती थी। देश में आज भी कई स्थानों पर आंशिक रूप से यह कुप्रथा जारी है, लेकिन एक बड़े तबके की सोच बदल चुकी है, इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए भी बेटी दिवस का काफी महत्व है।
बेटियों को यह बताना चाहिए कि वे लड़कों से कम नहीं हैं और वे माता-पिता के के लिए जीवन में क्या महत्व रखती है। माता-पिता को अपनी बेटियो को यह भी बताना चाहिए कि बेटियों को किसी भी तरह डरना नहीं है और हर समस्या का डटकर मुकाबला करना चाहिए।
बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर घूर के देखे,
उसे सूरज जैसा बनाओ ताकि घूरने से पहले नजर झुक जाए.
जनपथ न्यूज की तरफ से ‘बेटी दिवस 2021’ की ढेर सारी शुभकामनाएं।