जनपथ न्यूज़ पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को अपनी पार्टी द्वारा समर्थन दिए जाने पर बुधवार को कहा कि जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में विचार करना चाहिए जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था. किशोर ने बुधवार को ट्वीट में कहा, ”कैब का समर्थन करते हुए, जेडीयू नेतृत्व को एक पल के वास्ते उन सभी के बारे में विचार करना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था.’
हालांकि, नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और मंत्रिमंडल में शामिल संजय झा ने कहा, “पार्टी का आधिकारिक लाइन स्पष्ट है और यह संसद के जारी सत्र में सभी के लिए है. एक या दो नेता व्यक्तिगत राय व्यक्त रख सकते हैं, लेकिन इस तरह के मामलों को इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर विभाजन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.”
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के वर्मा ने खुले तौर पर जदयू के लोकसभा में विधेयक के पक्ष में मतदान करने पर निराशा व्यक्त करते हुए नीतीश से इसपर उच्च सदन में कानून पर बहस के दौरान फिर से विचार करने का आग्रह किया था. कैब के विरोध में विपक्षी महागठबंधन के घटक दलों ने मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्य में धरना, प्रदर्शन और पुतला दहन किया. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में पटना में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा के नीचे राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी ने कहा, “संविधान और हमारे लोकतंत्र की हत्या हो रही है. हम इस कानून के खिलाफ अंत तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को राज्य के अल्पसंख्यकों के साथ विश्वासघात करने के लिए शर्म आनी चाहिए, जो कि भाजपा का पुराना सहयोगी होने के बावजूद धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते रहे हैं. तेजस्वी के साथ राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी धरने में शामिल थे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने कैब के विरोध में जुलूस निकाला और पुतला दहन किया.