जनपथ न्यूज़:- पिछले कुछ दशकों में भारत ने विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अविश्वसनीय ऊंचाइयों पर प्रगति की है हम पहले प्रयास में ही लगभग मंगल तक पहुंच गए हैं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के बारे में नहीं जानता है अगर हम गठिया और इससे संबंधित समस्याओं की बात करें तो यह दर्द कार्य क्षमता की कमी,विकलांगता, आयु का कम होना इत्यादि के लिए जिम्मेवार है कुल्हा और घुटना के जोड़ प्रत्यारोपण की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में 2030 तक 6 गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद है हमारे देश में काफी संख्या में जो प्रत्यारोपण हो रहा है इस सर्जरी से मरीज को दर्द मुक्तजीवन मिलता है जिससे उसका लाइफटाइम काफी हद तक आरामदायक हो जाता है

लेकिन सर्जरी की इन बढ़ती संख्याओं के बीच एक प्रश्न है कि कैसे हम जोड़ों के दर्द को सटीक तरीके से ठीक कर सकते हैं कैसे हम नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीक से अपने और अपने समाज को जोड़ दर्द की समस्या से निजात दिला सकते हैं

पश्चिमी देशों में नवीनतम रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल सर्जरी में होता है इससे सर्जरी के दौरान सटीक गाइडलाइन्स मिलती है जिससे जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी के बेहतरीन परिणाम मिलते हैं

रोबोटिक सर्जरी के परिणाम अत्यंत ही सटीक होते हैं और यह शोध और उपलब्ध साहित्य से प्रमाणित भी हो चुका है
रोबोटिक सर्जरी के द्वारा आंशिक घुटना प्रत्यारोपण भी संभव है इस प्रक्रिया में घुटना के अप्रभावित हिस्से को बचाकर खराब हिस्से को ही हटाते हैं ऑपरेशन के बाद मरीज को पूर्ण मोबिलिटी मिलती है साथ ही साथ मरीज जमीन पर बैठ भी सकते हैं जो कि भारतीय लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा

रोबोटिक सर्जरी में एक सॉफ्टवेयर होता है जिसकी सहायता से हड्डी को किस कोण पर काटना है या कितना काटना है कोशिका को बिना नुकसान पहुंचाए रक्त स्राव कम से कम हो Fat Embolism की घटना कम हो Implant बिल्कुल जगह पर हो यह सटीक तरीके से पता कर सकते है जिससे मरीज की आयु बढ़ जाती है

अगर आप एक मरीज हैं तो आप किस तरह से अपनी सर्जरी कराना पसंद करेंगे जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी जिसकी सटीकता 60% से 70% होती है या रोबोटिक आर्म की सहायता से जोड़ प्रत्यारोपण जिसकी सटीकता 98% से अधिक होती है

भारत के लोगो को रोबॉटिक सर्जरी तकनीक में दक्ष होने के लिए 98% से अधिक सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए बहुत सारी प्रशिक्षण और मेहनत लगती है आज की तारीख में अमेरिका में Robotic Arm Assisted System का उपयोग हो रहा है आज तक लाखों कुल्हा और घुटना की सर्जरी इस माध्यम से किए जा चुके हैं

दुनिया में कुछ स्थान है जहां पर Robotic Arm Assisted System का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन मैंने प्रशिक्षण के लिए सबसे अच्छी जगह अमेरिका को चुना जहां मैं Latest Robotic Assisted Joint Replacement Surgeries में Fellowship कर सकूं
मेरा मानना है कि भारत के लोग का भी जोड़ प्रत्यारोपण अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक से होना चाहिए एक सर्जन होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं इस तकनीक को यहाँ पर लेकर आऊँ और मरीजों की सेवा करूँ 1 दिन हम भी पश्चिमी देशों के साथ खड़े हो और गर्व से कहें कि Robotik Arm Assisted Surgery
में हम भी किसी से कम नही

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