पिंक एंड ब्लू वर्कप्लेस पर हैप्पी एंड हेल्दी को-लिविंग बनाने, ट्रेनर बनाने के लिए प्रतिबद्ध :अवनीश श्रीवास्तव

यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम (पॉश) के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

पॉश के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने का मिला अवसर : राजीव रंजन प्रसाद

कोरोना महामारी के दौरान वर्चुअल यौन उत्पीड़न कई गुना बढ़ा, वर्क फ्रॉम होम के लिए दिशा-निर्देश बनाने की जरूरत है: ऋतु गोयल

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (नयी दिल्ली), 11 जुलाई ::

पिंक एंड ब्लू (एनजीओ) के सौजन्य से यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम (पॉश) के तहत शिकायतों से निपटने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संरक्षक पिंक एंड ब्लू और पूर्व अध्यक्ष आईसीएसआई श्री निसार अहमद ने पिंक एंड ब्लू को मील के पत्थर बताकर सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने पॉश ट्रेनर के पहले बैच की भी घोषणा की और पॉश के नए सर्टिफिकेशन कोर्स का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पॉश के प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन में सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
उक्त अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पॉश महिलाओं को सशक्त बनाने का एक अवसर हैi और इस कानून को हर कार्यस्थल पर लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिंक एंड ब्लू की प्रतिबद्धता और पहल सराहनीय है। उन्होंने निर्भया की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उचित प्रशिक्षण देकर और पॉश को लागू करके इस तरह के यौन उत्पीड़न और घटना को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में पुरुष और महिलाएं बिना किसी डर के एक साथ रहते हैं, उसे बनाने के लिए मैं किसी भी तरह के समर्थन के लिए हमेशा उपलब्ध हूं।

प्रेसिडेंट चैंबर ऑफ प्रोफेशनल अवनीश श्रीवास्तव ने कहा कि पॉश अधिनियम के अंतर्गत प्रोफेशनल और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षक, संगठनों में आईसी के सदस्य, नियोक्ता के सलाहकार, शिकायतकर्ता या प्रतिवादी, प्रबंधन के सलाहकार, स्थानीय शिकायत समिति के सदस्य, ब्लॉक स्तर के प्रतिनिधि बनने का बहुत बड़ा अवसर हैं ।

पिंक एंड ब्लू की अध्यक्ष और एडवोकेट सुश्री ऋतु गोयल ने 200 से अधिक प्रोफ़ेशनलस को यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम पर प्रशिक्षित किया और कहा कि वर्चुअल यौन उत्पीड़न यौन उत्पीड़न का अगला कदम है और यह वास्तव में समाज के लिए एक अभिशाप है। इस अधिनियम के तहत शिकायतों का प्रभावी ढंग से और इसके तहत दिए गए नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए। आईसी सदस्यों को शिकायतकर्ता, प्रतिवादी और गवाह को कम्फ़र्ट देना चाहिए।आईसी सदस्यों को भी गोपनीयता, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए और निष्पक्ष निर्णय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वर्चुअल यौन उत्पीड़न कई गुना बढ़ गया है और हमें वर्क फ्रॉम होम के लिए दिशा- निदेश बनाने की जरूरत है।

विंग कमांडर सुश्री नम्रता चंडी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बहुत आवश्यकता है। हमारे समाज में महिलाओं का जीवन पुरुषों द्वारा तय किया गया है और पुरुषों ने महिलाओं की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया है। जब हम चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार नहीं मिलेगा तब तक महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता है।

 87 total views,  3 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *