जनपथ न्यूज़ भागलपुर :-  (संजय कुमार). सृजन घोटाले की किंगपिन मानी जाने वाली मनोरमा देवी के एनजीओ ‘आसरा विहार’ के सहयोगियों पर भी सीबीआई ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सीबीआई सभी सहयोगियों से दिल्ली या पटना स्थित मुख्यालय में पूछताछ करेगी। उसे शक है कि एनजीओ के सहयोगियों ने भी अच्छे संबंध होने पर सृजन के पैसे का इस्तेमाल किया। एजेंसी नाम व पते के आधार पर जांच में जुट गई है। देखा जा रहा है कि कहीं घोटाले की राशि प्रॉपर्टी डीलिंग, हाउसिंग या अन्य क्षेत्र में तो नहीं लगाई गई है।
मनोरमा के भगोड़े बेटे अमित से भी पूछताछ की जाएगी
सीबीआई ने बीओबी की घंटाघर शाखा से एनजीओ के लोन खाते 10010600013994 व एग्रीमेंट पेपर के सभी दस्तावेज लिए हैं। उस दस्तावेजों में 5 लाख लोन देने वाले बैंक अफसरों के नाम भी हैं। एजेंसी एनजीओ खोलने का मकसद जानना चाहती है। इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने को एनजीओ के सचिव, कोषाध्यक्ष व सदस्य अमित (मनोरमा के भगोड़े बेटे) व बिपिन से पूछताछ होगी।
क्या है ‘आसरा विहार’ के लोन का मामला
‘आसरा विहार’ को टर्म लोन के तहत 5 लाख 25 सितंबर 2007 को माइक्रो क्रेडिट के रूप में 60 माह की किस्त पर दिए गए थे। जनवरी 2008 से किस्त का पेमेंट होना था। इसका जिम्मा चेयरमैन मनोरमा ने खुद लिया था। शुरू में लोन के पैसे चुकाए भी गए। पेमेंट में देरी होने पर बैंक ने मनोरमा को नोटिस भी दिया था। इसके बाद कुछ रकम खाते में डाली जाती रही। अभी इस लोन खाते पर 3.54 लाख रुपए बैंक ने सूद समेत बकाया घोषित कर रखा है।

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