जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
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20 दिसंबर 2022
भागलपुर : लोकतंत्र का चुनाव आखिर क्या न कराए…? कल तलक दलीय स्तर पर एक दूसरे को जो जली-कटी सुनाते थे, आज समीकरण मजबूत करने के लिए एक मंच पर दिख रहे हैं। जी हां! मैं बात कर रहा हूं भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की भाजपा नेता संतोष कुमार,जो भागलपुर भाजपा के कार्यकारी जिलाध्यक्ष हैं। संतोष कुमार भाजपा के कुछ नेताओं को लेकर महापौर प्रत्याशी सीमा साहा के साथ नजर आ रहे हैं। सीमा साह इससे पहले यहां की महापौर थीं और वह पूरे 5 सालों तक विवादों में रही। वह जिप अध्यक्ष अनंत प्रसाद उर्फ टुनटुन साह की पत्नी हैं। महापौर प्रत्याशी सीमा साह और डिप्टी मेयर प्रत्याशी मो० सलाहउद्दीन अहसन एक साथ हो गए हैं। इनका दावा है कि दोनों के वोटर इन दोनों प्रत्याशी को ही वोट करेंगे.सीमा साह के समर्थन में काम रहे भाजपा के कुछेक कार्यकर्ता यह कह रहे हैं कि अब तो सीमा की जीत तय है, क्योंकि सलाहउद्दीन साहब उनके साथ हैं। मुस्लिम वोट भी इनको मिलेगा। वैसे महापौर पद के लिए मुस्लिम प्रत्याशी गजाला परवीन भी चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहीं हैं।
महापौर पद के दूसरे प्रत्याशी डाॅ० वसुधंरा लाल स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और वह जाने-माने चिकित्सक डाॅ० बिहारी लाल की पत्नी होने के साथ-साथ अलीगंज के स्व० डाॅ० रामचंद्र साह के परिवार से हैं। डाॅ० बसुंधरा आइएमए से भी जुड़ी हुई हैं और राजनीति में यह उनका पहला कदम है.
अब मैं इनकी बात कर रहा हूं।
भाजपा भागलपुर के भिष्म पितामह कहे जाने वाले हरिवंश बाबू सहित जिला अध्यक्ष रोहित पांडेय, पूर्व उपमहापौर डाॅ० प्रीति शेखर समेत कई पूर्व जिलाध्यक्ष का इन्हें समर्थन प्राप्त है। आरएसएस ने भी डाॅ० वसुंधरा लाल के पक्ष में रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। वसुंधरा लाल भाजपा और आरएसएस सहित कई अनुशांगिक संगठन के कार्यकर्ताओं के बल पर चुनाव में लगे हुए हैं। कुछ प्रतिष्ठित विद्यालय के शिक्षकों ने भी इन्हें अपना समर्थन दे दिया है। काफी संख्या में पूरे शहर में युवाओं ने इन्हें जिताने का संकल्प लिया हुआ है। प्रत्येक मंडल में आरएसएस कार्यकर्ता इनके लिए सक्रिय हो गए हैं। विजय साह के विवाह भवन में पवन गुप्ता ने बैठक ली तो ढाई सौ कार्यकर्ता वहां एकजूट देखे गए थे।
भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी प्यारे हिंद के अनुसार, संतोष जी ने मुझे काफी सहयोग किया है, अगर संतोष जी चुनाव लड़ते तो मैं उनके साथ रहता, लेकिन भाजपा व संघ जिस तरफ हैं मैं उन्हीं का साथ दूंगा। एक और मीडिया प्रभारी इंदुभूषण झा लगातार संतोष कुमार के साथ खड़े दिख रहे हैं और वह सीमा को जीताने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। बावजूद इसके इन दोनों की जीत महज इसलिए आसान नहीं दिख रही कि इनके आगे महापौर प्रत्याशी श्वेता प्रियदर्शनी और खुश्बू कुमारी की फौज खड़ी है! इनमें श्वेता प्रियदर्शनी की सुझ-बुझ और न्यूट्रन वाली नीति बड़ी तेजी से कारगर साबित होती दिख रही है और वह बड़ी तेजी से वोटरों की आवाज बनती जा रही हैं! वहीं भागलपुर के वोटरों की बड़ी आबादी मुस्लिम समाज से खड़ी इकलौती मेयर प्रत्याशी गजाला परवीण का पक्ष मजबूत होता दिख रहा है।
बहरहाल, चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, पर भागलपुर भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय काफी तेज व सौम्य स्वभाव के हैं और वे मृदुभाषी होकर सबको साथ लेकर चलते हैं। यही कारण है कि रोहित पांडेय का यहां काफी विरोध होता रहा है। उनके जिला इकाई के ही कई पदाधिकारी सीमा साह के साथ चले गए हैं। कुछ ने तो चुप्पी साध ली है। जिस समय रोहित पांडेय भागलपुर विधानसभा सभा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे, उस समय उन्होंने कार्यकारी जिलाध्यक्ष संतोष कुमार को बनाया। चुनाव में कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा से वे लगभग एक हजार वोटों से हार गए थे।
मेयर चुनाव के लिए संतोष कुमार ने भी तैयारी की थी, लेकिन आरक्षण में वे फिट नहीं बैठे। इस कारण भाजपा ने तय किया कि यहां से मेयर प्रत्याशी डॉ० वसुंधरा लाल को बनाया जाय। इस योजना में संतोष कुमार भी साथ थे। लेकिन बाद में उन्होंने पलटी मारकर सीमा साह का साथ पकड़ लिया। मेयर के लिए जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भागलपुर में बैठक हुई कि किस प्रत्याशी को समर्थन करना चाहिए, उसमें जब उन्हें लगा कि सर्वसम्मति से डाॅ० वसुंधरा लाल के पक्ष में निर्णय जा रहा है तो संतोष कुमार बैठक से उठकर चले गए।
भाजपा के एक बड़े नेता से जब मैंने पूछा कि सीमा साह और उनके पति टुनटुन साह भी तो भाजपा से हैं, उन्हें भाजपा ने समर्थन क्यों नहीं दिया? उन्होंने तर्क दिया कि आज तक कोई बता दें कि भागलपुर के भाजपा कार्यालय में कभी टुनटुन साह आए हों। चुनाव जीतने के बाद या नामांकन के दौरान कभी भी आरएसएस, भाजपा या विद्यार्थी परिषद के कार्यालय गए हों। वे राजद के करीब रहे और पिछली बार सुल्तानगंज से उनका टिकट भी राजद ने फाइनल कर दिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान टुनटुन साह और सीमा साह ने भागलपुर में लोजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा का साथ दिया था। पीरपैंती से निर्दलीय प्रत्याशी अमन पासवान के लिए वे चुनाव प्रचार करने गए थे। उनपर कैसे भरोसा किया जाए कि वे भाजपा के लिए समर्पित रहेंगे। यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि रोहित पांडेय भागलपुर में 6 वर्षों से भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। उन्होंने जिनको-जिनको पार्टी में जगह दी उनमें से ज्यादातर नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया। मेयर इलेक्शन में रोहित जी की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। उनके करीबी एक नेता के अनुसार यह चुनाव डाॅ० वसुंधरा लाल का नहीं बल्कि रोहित पांडेय का बन गया है। कईयों ने यह भी कहा कि रोहित पांडेय को इस चुनाव में जीताना होगा। चुनाव परिणाम जो भी हो लेकिन चुनाव के बाद यहां पर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर बड़ी कार्रवाई होनी तय है। इतना तो सबको मालूम है कि प्रदेश एवं केंद्रीय नेतृत्व पर रोहित पांडेय की पकड़ काफी मजबूत है!