जनपथ न्यूज़ पटना. बिहार के राजनीतिक गलियारे में पीके के नाम से फेमस प्रशांत किशोर पर अब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हमलावर हो गयी है। बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष से लेकर पार्टी प्रवक्‍ता तक प्रशांत किशोर को निशाने पर ले रहे हैं और उन्‍हें भाड़े का टट्टू बता रहे हैं। बता दें‍ कि इसके पहले जदयू के तमाम छोटे-बड़े नेताओं ने प्रशांत किशोर पर सीधा हमला किया है।
इधर, प्रशांत किशोर पर नया हमला बीजेपी की ओर से किया गया है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर को पैसे लेकर राजनीति करने वाला बताते हुए कहा कि कुछ नेताओं की बड़े नेताओं पर टिप्पणी कर अपनी टीआरपी बढ़ाने की आदत होती है। जो लोग पैसा लेकर राजनीति करते हैं, उनके बारे में हम राजनीतिक टिप्पणी नहीं करते हैं। जो पैसा देगा पीके उसके लिए लाउडस्पीकर बनेंगे, यही है बिजनेस की पॉलिसी। हमारा स्टैंड क्लीयर है कि हमलोग उन लोगों की चिंता नहीं करते जो पैसा लेकर काम करते हैं।
निखिल आनंद में बताया भाड़े का टट्टू
प्रशांत किशोर के ट्वीट पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने भड़ास निकलते हुए जमकर कोसा। निखिल ने प्रशांत किशोर को भाड़े का टट्टू पॉलिटिकल एजेंट बताते हुए कहा वो सिर्फ पैसे के लिए काम करते हैं। पहले नीतीश कुमार की मर्सी पर काम करते थे अब लालू के पेरोल पर राजनीति कर रहे हैं।
टुकड़े-टुकड़े गैंग के नेता बनना चाहते हैं पेड किशोर

शांत किशोर का नया नामकरण पेड किशोर करते हुए भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पैसे लेकर नारा लिखते-लिखते पेड किशोर इतने आत्ममुग्ध हो गए हैं कि खुद को बहुत बड़ा नेता मान लिया है। पीके गेम प्लान के तहत अपने कद्दावर नेताओं को चुनौती दे रहे हैं। इनकी मंशा टुकड़े-टुकड़े गैंग का नेता बनने की है, इसीलिए यह सीएए पर बयान देकर खुद को सुखिऱ्यों में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
जदयू के ललन सिंह ने भी किया था हमला
गौरतलब है कि जदयू के वरिष्ठ नेता और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह प्रशांत किशोर द्वारा सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) पर लगातार किए जा रहे विरोध वाले ट्वीट पर तल्ख अंदाज में टिप्पणी की थी। ललन सिंह ने कहा कि बिहार में क्या होगा यह प्रशांत किशोर नहीं, मुख्यमंत्री तय करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को यह दायित्व कहां दिया है कि हर मसले पर वह बताएं कि बिहार में क्या होगा और क्या नहीं?

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