*सरकार से कर रहे मुआवजे की मांग*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
www.janpathnews.com
26 अक्टूबर 2022

भागलपुर : जिले में एक ही महीने के भीतर दो बार आई बाढ़ ने किसानों की कमर पूरी तरह तोड़ दी है। पहले बाढ़ में घर डूबा, फिर बच्चों की पढ़ाई छूटी, अपना आशियां छोर ऊंचे स्थानों पर जाकर शरण लेना पड़ा। बाढ़ के जाने के बाद किसान दुबारा अपने घरों की ओर लौटे। दियारा खेतो में कर्ज लेकर सब्जियों के बीज डाले, लेकिन बाढ़ ने फिर कुछ दिनों बाद ही दस्तक दे दिया और फिर किसानों के मेहनत और फसल दोनों बर्बाद हो गए।

विदित हो कि इन किसानों ने परवल, गोभी और मकई के लिए बीज डाले थे, लेकिन सब बाढ़ में बर्बाद हो गये हैं। अब किसान अपनी बदहाली पर खुद अपना माथा पीटते हुए दिख रहे हैं। इस बात की चिंता उन्हें सता रही है कि अब कर्जदारों का कर्ज वे कैसे चुकाएंगे। इन सब बातों को जानने और समझने के लिए जनपथ न्यूज डाॅट काॅम की टीम बाढ़ पीड़ित किसानों से मिलने पहुंचे।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
गौरतलब है कि भागलपुर तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के पिछले इलाके में गंगा से सटे शंकरपुर बिंद टोला, रत्तीपुर बैरिया, दिलदारपुर, दारियापुर दियारा जैसे गांव है। ये सभी गांव नदी के दियारा इलाके में बसे हुए हैं जहां करीब 10 हजार से ऊपर लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग दियारा इलाकों में सब्जी की खेती कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। फिलहाल ये सभी लोग नाव से शहर की ओर जाकर मजदूरी करते हैं। गांव की महिलाएं और बच्चे भी नाव से ही अपने घर से शहर की ओर जाते हैं।

बाढ़ पीड़ित किसान संतलाल महतो कहते हैं कि पिछले तीन महीने से उन लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। खासकर दूसरी बार आई बाढ़ ने उन्हें आर्थिक स्थिति के साथ-साथ अंदर से उनको भी तोड़ दिया है। वे कहते है कि जब बाढ़ वापस गई तो उन्होंने अपना घर दुबारा जाने का सोचा। जिसके बाद उन्होंने सब्जी की खेती कर सारा नुकसान की भरपाई करने की सोची। फिर कर्ज लेकर परवल और गोभी की खेती में पैसे लगा दिए। मेहनत कर खेतो में बीज डाले, लेकिन दूसरी बार आई बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। उनका सारा मेहनत,सारा पैसा सब खत्म हो गया है।

सरकार से मुआवजे की मांग : दिलदारपुर गांव के निवासी गोविंद महतो कहते है कि उनके लाखों रुपए की सब्जी बाढ़ की वजह से बर्बाद हो गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 3 बीघा में परवल और गोभी लगाया था, जो पूरा बर्बाद हो गया है। वे कहते हैं कि हमलोग पूरी तरह कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। अब चिंता है कि जैसे-तैसे करके परिवार का पेट भर रहे है, लेकिन जिनसे बीज लगाने के लिए कर्ज लिया था, उन्हें अब उनका पैसा कैसे चूकता करेंगे।

महिलाए बोली- सब बर्बाद हो गया, बच्चों की पढ़ाई छूट गई: सुनीता देवी, जो नाव से सवार होकर पानी को पार कर रही थी, उन्होंने बताया कि हमलोगों के लाखों के सब्जी बर्बाद हो गए हैं। घरों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से खराब है, मुश्किल से दो वक्त का खाना नसीब हो रहा है,बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बंद हो चुका है। वहीं, नाव सवार दूसरी महिला ने बताया कि उनके पति ने परवल की खेती के लिए 50 हजार रुपए कर्ज लिए थे, लेकिन बाढ़ में खेती तो नहीं हो पाया और कर्ज का पैसा भी बर्बाद हो गया। अब कर्जदारों को पैसा कहां से देंगे।

इन सबके अलावा वहां जितने किसानों ने भी बातचीत की, तो उनमें से ज्यादा लोगों ने परवल की खेती कर रखी थी, तो कुछ लोगों ने गोभी की खेती किया था। सभी की उम्मीदों पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है। वहीं, इस मामले पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक वैसे किसी किसानों ने हमारे पास लिखित शिकायत नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल भागलपुर में सुखार के शिकार हुए किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। उसके बाद जांचोपरांत इस मामले पर भी आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Loading

You missed