नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का पलटवार, लगाया झूठ बोलने का आरोप- कहा- ‘अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि…

जनपथ न्यूज़ पटना :- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बीच जुबानी जंग जारी है. ट्विटर पर दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. नीतीश कुमार ने कहा कि अमित शाह (Amit Shah) के कहने पर उन्हें पार्टी में रखा था. बिहार के मुख्यमंत्री के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है. प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ‘मुझे JDU में क्यों और कैसे लेकर आए इस बारे में झूठ बोल रहे हैं. अपने ही रंग में रंगने की बेहद खराब कोशिश कर करे हैं. लेकिन अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि अमित शाह द्वारा भेजे गए आदमी की बात न सुनें?
जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को पार्टी में रहना है तो रहें नहीं तो जाएं. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्हें रहना है तो पार्टी के बुनियादी ढांचे को स्वीकार करना होगा. नीतीश कुमार ने पटना में एक संवादाता सम्मेलन में कहा कि सब लोग आज़ाद हैं अपनी अपनी राय रखने के लिए.
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उन्होंने पार्टी नेता पवन वर्मा पर कहा कि एक व्यक्ति क्या चिट्ठी लिखी उसपर हमने कह दिया है. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना कहा कि कोई ट्वीट कर रहा है… तो ट्वीट करें हमें क्या कहना है… क्या मतलब है? नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक किसी की इच्छा रहेगी पार्टी में रहने की, वो रहेगा, जाना चाहेगा तो जाएगा.
नीतीश ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड में साधारण कैटेगरी के लोग हैं. आम लोग हैं. कोई इंटेलेक्चुअल नहीं है. बड़े लोग वाली पार्टी नहीं. उन्होंने कहा कि हम तो इज़्ज़त देते हैं, हम सबका सम्मान करते हैं लेकिन इन सब चीज़ों में अगर कोई बात है तो हमारी पार्टी को इससे कोई लेना देना नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि कोई कुछ करता है तो… मन कुछ और होगा, कहीं जाने का मन होगा. स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में किसी-किसी का काम करता है, ख़बरों में है कि आम आदमी पार्टी का काम कर रहा है. वो अलग-अलग लोगों का काम करता है.’ ये पूछे जाने पर कि प्रशांत किशोर पार्टी में रहेंगे या नहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि नहीं रहेगा तो भी ठीक, रहेगा तो हमको कोई दिक़्क़त नहीं है, लेकिन रहेगा तो जो पार्टी का बुनियादी ढांचा है उसको अंगीकार करना होगा.