Written by: राकेश कुमार

पटना में कोरोना से लोग हैं बेपरवाह

पटना में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लोगों की सोच सामने आ रही है लोगो ने कहा कोरोना है नहीं तो मास्क क्यों? जैसा की पटना में ऑटो वाले भी ज्यादा लोगो को ऑटो में बैठा रहे है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

पटना में कुछ लोगों ने कोरोना के बार में पूछने पर बताया कि कोरोना नाम की कोई चीज नहीं है लिहाजा मास्क लगाने का कोई मतलब नहीं है। देश में कोराना की दूसरे लहर की शुरुआत हो चुकी है. देश में जहां कुछ दिन पहले तक एक दिन में 12 से 13 हजार केस आ रह थे, वहीं पिछले कुछ दिनों से 50 हजार से ऊपर केस आ रहे हैं. इस कोरोना के दूसरे लहर से बिहार राज्य भी अछूता नहीं है. राज्य के हर जिले से कोरोना के केस सामने निकल कर आ रहे हैं. यहां तक की राज्य की राजधानी पटना में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. केस में बढ़ोतरी के बावजूद भी पटना के लोग लापरवाही से कोराना को नकार रहे है.

इधर, एक तरफ पटना के प्रमुख अस्पतालों में कोरोना की जांच हो रही है तो दूसरी तरफ बढ़ते केस के बीच लोग लापरवाह नजर आ रहे हैं। सार्वजनिक जगहों पर भी कोरोना से बेखबर लोग बड़े संख्या में पटना जंक्शन, मीठापुर, बिग बाजार, मॉल और बस अड्डे पर जुट रहे हैं। भीड़ में कुछ लोग मास्क पहने हुए जरूर नजर आते हैं, लेकिन काफी संख्या ऐसे लोगों का भी हैं, जो बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। राज्य का व्यस्तम मीठापुर बस स्टैंड, यहां से रोजाना हजारों गाड़ियां खुलती हैं, हजारों लोग बिहार के एक हिस्से से दूसरे हिस्से जाते हैं, लेकिन यहां पर भी सावधानी नजर नहीं आई। लोग यहां बिना मास्क के बेरोक-टोक घूम रहे हैं।

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