>> फिलहाल बारिश से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है. मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, बांका, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार और वैशाली में रेड अलर्ट जारी किया गया है. अगले 24 घंटे तक होती रहेगी बारिश. 21 सेंटीमीटर तक बारिश होने की संभावना है.
>> पटना में दोबारा बारिश शुरू हो गई है. बारिश के बाद हालत और बिगड़ने की आशंका है. पटना नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया. 18003456644 पर फोन कर आप जानकारी दे सकते हैं. शहर का राजेंद्र नगर इलाका से हुआ जलमग्न हो गया है. मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है.
>> जेडीयू नेता अजय आलोक के घर में पानी घुस गया है. उनके बेडरूम और ड्राइंग रूम में बारिश का पानी घुस गया है.
> पटना के सबसे व्यस्त मार्ग बोरिंग केनाल रोड में एक बड़ा पेड़ गिर गया, जिसे जेसीबी की मदद से हटाया गया.
जी मीडिया से बात करते हुए पटना का जिलाधिकारी ने बताया कि सभी संप हाउस को खोलने का निर्देश गया है. ज्ञात हो कि बारिश (Rain) ने नगर निगम की पोल खोलकर रख दी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दफ्तर के ठीक पीछे स्थित झुग्गियों में तो लगभग पांच फुट पानी जमा है. लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी, बावजूद निगम की तरफ से जलजमाव से निबटने के लिए कोई खास तैयारी नहीं थी.
कल यानी शुक्रवार को ही मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन और जल संसाधन विभाग के साथ आपात बैठक भी की थी. अलर्ट के मुताबिक उत्तर बिहार में अगले 72 घंटे में मूसलाधार बारिश होगी.
वहीं, राज्य के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि भारी बारिश के कारण घरों पानी लगा है. पानी की निकासी नहीं होने के कारण जलजमाव की स्थिति बनी. साथ ही उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे पानी निकल जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सूखे से परेशान जिलों के लिए यह बारिश अच्छी है.
पटना के काई इलाके जैसे, कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, शास्त्री नगर में भारी जलजमाव की स्थिति है. लोगों के घरों में पानी घुस गए हैं. पाटलिपुत्र अंचल में सड़कों पर पानी बह रहा है. परिस्थिति देख कई सवाल मुंह बाए खड़ी है. स्मार्ट सिटी की कल्पना करने वाले पटना की हालत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार? हर वर्ष होता है जलजमाव लेकिन कोई ठोस इंतेज़ाम नहीं?