•जनपथ न्यूज डेस्क

Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
8 सितंबर 2022

भागलपुर : एक दोहा हर उस नौजवान को स्मरण कराया जाता है जो उसके हौसले को बढ़ावा देता है। वो दोहा है- ‘करत करत अभ्यास के जडमति होत सुजान, रसरी आवत जात ते, सिल पर पड़त निशान’। यानी संक्षेप में कहा जाए तो मेहनत करने वाले एकदिन सफल जरुर होते हैं। ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के नालंदा निवासी विनय कुमार ने जो भागलपुर में कांस्टेबल के तौर पर तैनात हैं और अब वन विभाग में अधिकारी बनने में सफल हो गये।

*तीन बार बिहार पुलिस दारोगा परीक्षा में असफल रहे*
जिला बल भागलपुर में पिछले सात सालों से बतौर कांस्टेबल तैनात नालंदा जिला के रहने वाले विनय कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया। तीन बार बिहार पुलिस दारोगा परीक्षा में असफलता मिलने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत के बलबूते उन्होंने वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी की परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है।

*सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने मुंह मीठा कराया*
विनय कुमार को मिली इस सफलता के बाद भागलपुर के सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर मुंह मीठा कराया और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने अन्य पुलिसकर्मियों को भी इसी तरह की कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

*नालंदा जिला के निवासी विनय हैं भागलपुर में तैनात*
गौरतलब हो कि विनय कुमार मूल रूप से नालंदा जिला के थरथरी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम बाल गोविंद प्रसाद और मां का नाम गीता देवी है। विगत वर्ष 2015 में उन्होंने बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा उत्तीर्ण कर बिहार पुलिस में भर्ती हुए थे। उसके बाद उनकी प्रतिनियुक्ति भागलपुर जिला बल में की गयी थी। पिछले सात सालों से भागलपुर में ही प्रतिनियुक्त हैं।

*ड्यूटी पूरी करने के बाद बैरक में करते थे पढ़ाई*
विनय के साथ रहने वाले उनके साथी सिपाही विकास कुमार ने बताया कि अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद विनय अपने बैरक में आकर घंटों पढ़ाई करता था और अन्य साथियों को भी पढ़ाई कर ऑफिसर की परीक्षाएं देने के लिये प्रेरित किया करता था। उन्होंने बताया कि विनय की सफलता में उनके साथ रहनेवाले साथियों का भी बड़ा योगदान है। उनके ड्यूटी से लौटने के बाद उन्हें ज्यादा परेशानी न हो इसके लिये वे लोग उनका खाना लाकर उन्हें दे दिया करते थे।

Loading