राकेश कुमार

बिहार: सड़क हादसे में मौत होने पर अब मिलेंगे 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख

सड़क दुर्घटना की सांकेतिक तस्वीर.

बिहार में हर साल सड़क हादस में सैकड़ों लोग जान गंवाते हैं. सड़क हादसे का शिकार होने वाले लोगों और उनके परिवार के लोगों के लिए सरकार ने नए सिरे से मुआवजे की राशि का प्रावधान किया है।

पटना. बिहार में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) को लेकर एक ओर जहां सरकार इन पर नियंत्रण के लिए तमाम तरह के उपाय और एहतियात बरत रही है वहीं दूसरी ओर सड़क दुर्घटना की स्थिति में मृतक के आश्रितों को 5 लाख जबकि गंभीर रूप से घायल को ढाई लाख रुपए मुआवजा (Road Accident Compensation) के तौर पर प्रदान करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही अब मृतक के आश्रित या घायल व्यक्ति को इस बात का प्रमाण देना जरूरी नहीं होगा कि दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने के दौरान गाड़ी मालिक या फिर उस पर सवार व्यक्ति से कोई गलती हुई है.

मुआवजा के लिए बिहार मोटर गाड़ी संशोधन नियमावली के तहत बने सहायता कोष में 50 करोड़ की राशि हर वक्त जमा रहेगी. बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा इसके अलावा अलग से भी राशि उपलब्ध कराई जानी है. नीतीश कैबिनेट ने इस फंड के लिए पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है जिसके बाद नियमावली के प्रारूप का प्रकाशन करते हुए इसके लिए 1 महीने में दावा और आपत्ति मांगी गई है. परिवहन विभाग इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर देगा. नए प्रावधान के अनुसार मुआवजे के भुगतान के लिए जिले के संबंधित एसडीओ को दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया है.

एसडीओ सड़क दुर्घटना के बाद संबंधित थानाध्यक्ष के साथ ही संबंधित अस्पताल के प्रभारी और जिला पदाधिकारी से मिली जानकारी या प्रतिवेदन के आधार पर मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई करेंगे. आवेदन मिलने के बाद डीएम को एसडीओ द्वारा अनुशंसा की जाएगी और अंतिम अधिकार डीएम को ही होगा जिनके पास मुआवजा राशि की जिम्मेवारी होगी. डीएम से स्वीकृति मिलते ही जिला परिवहन पदाधिकारी जिसे जिला सड़क सुरक्षा समिति के सचिव की जिम्मेवारी दी गई है वह व्यक्ति की पहचान कर मुआवजा राशि का भुगतान करेंगे. अधिसूचना जारी होने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान जाने या गंभीर रूप से घायल होने पर भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
अभी तक कम से कम एक व्यक्ति की मौत और साथ में एक व्यक्ति के गंभीर रूप से घायल होने पर ही दिया जाता था लेकिन अब इस व्यवस्था को खत्म करते हुए आपदा प्रबंधन की जगह बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा राज्य स्तर पर दावा न्यायाधिकरण का भी गठन किया जाएगा. यह न्यायाधिकरण परिवहन विभाग के अधीन काम करेगा जिसमें परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण सक्षम न्यायाधिकरण होगा. अगर मामले बढ़ते हैं तो अधिकरण सदस्यों की नियुक्ति कर ऑटोनॉमस बॉडी के रूप में कार्य करेगा और इसमें भी मामले की सुनवाई 60 दिनों के अंदर कर दी जाएगी.

हिट एंड रन के मामलों को प्राथमिकता के तौर पर देखा जाएगा और इसमें मृतक के आश्रितों को तत्काल राशि मुहैया कराई जाएगी नई नियमावली के अनुसार शादीशुदा नहीं होने पर मुआवजे की राशि माता-पिता को जबकि शादीशुदा होने पर पति या पत्नी को मुआवजा दिया जाएगा अगर कोई शख्स अविवाहित ही रहता है तो उसके माता-पिता के नहीं जाने पर भाई और बहन को मुआवजे की राशि दी जाएगी। आवेदन में संबंधित पक्ष द्वारा थाना द्वारा प्रस्तुत दुर्घटना जांच प्रतिवेदन के साथ ही अस्पताल द्वारा जारी प्रतिवेदन और द से दुर्घटना वाले वाहन का निबंधन इंसुरेंस और एड्रेस समर्पित करना होगा।

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