जनपथ न्यूज़ डेस्क
5 मार्च 2025
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर विधानसभा में जमकर निशाना साधा है. मंगलवार को बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. दोनों के बीच राज्य के बुनियादी ढांचे को लेकर बहस हो रही थी, जो ‘बाप’ तक पहुँच गयी. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोल रहे थे, इसी दौरान तेजस्वी यादव ने कुछ टिप्पणी कर दी. इससे नीतीश कुमार भड़क गए और उन्होंने दावा कर दिया कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को बिहार का सीएम उन्होंने ही बनाया था, लेकिन बाद में जब वह पिछड़ी जाति की राजनीति करने लगे तो वह 1994 में अलग हो गए.
इसी दौरान तेजस्वी यादव ने उन्हें टोक दिया. नीतीश कुमार ने कहा, ‘पहले बिहार में क्या था? मैंने ही तुम्हारे पिता को सीएम बनाया था. तुम्हारी जाति के लोग मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने उनका समर्थन किया.’ नीतीश कुमार ने आगे कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि उस समय बिहार की क्या स्थिति थी. शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था. सड़कें नहीं थीं. मैं केंद्र में मंत्री था, लेकिन पैदल ही चलना पड़ता था. हर तरफ सामाजिक वैमनस्य फैला था.
तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया तो 2005 के बाद बनी है. ऐसा कहा जा रहा है कि 2005 से पहले बिहार में कुछ भी नहीं था. विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है. मौजूदा सरकार लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद कर रही है. यह सच है और यह किसी से छिपा नहीं है. विपक्ष के नेता के बोलने के दौरान मुख्यमंत्री तो छोड़िये, दोनों डिप्टी सीएम भी सदन में मौजूद नहीं हैं. सच सुनने का साहस होना चाहिए.
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलकर 90 के दशक की याद दिला दी. 1990 में जनता दल की जीत के बाद विधायक दल के नेता के चुनाव में लालू यादव ने बाजी मारकर मुख्यमंत्री पद हासिल किया था. लेकिन, इस जीत में नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.