जनपथ न्यूज़ डेस्क
2 जनवरी 2024

पटना: बिहार की राजधानी पटना में कोचिंग संस्थान का धंधा सबसे ज्यादा फल फूल रहा है. पटना के शहरी क्षेत्र में 1000 से ज्यादा कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं और पूरे बिहार से बच्चे आकर पटना में पढ़ाई करते हैं, लेकिन अधिकांश कोचिंग संस्थानों का निबंध नहीं है और इसके लिए जिला प्रशासन ने कई बार निबंध करने के लिए आवेदन मांगा था. अब उस पर निर्णय लिया गया है, जिसमें कई कोचिंग संस्थान अयोग्य पाए गए हैं तो कई अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं.

मंगलवार को पटना समाहरणालय में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 के तहत जिला स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक हुई इसमें पाया गया कि निबंध के लिए 936 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें 138 कोचिंग संस्थान अबैध पाए गए हैं जबकि 247 कोचिंग संस्थान अयोग्य करार दिए गए हैं. समिति के सचिव जिला शिक्षा पालिका पदाधिकारी संजय कुमार ने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें पूरे पटना जिले जी कोचिंग के निबंधन के लिए कुल 936 आवेदन प्राप्त हुआ था. इसमें से 413 आवेदनों का पहले ही निष्पादन करके निबंधन किया जा चुका है.

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया है कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा पूर्व में 7 टीम का गठन कर लगभग 600 से अधिक कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जांच कराई गई थी. सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की अध्यक्षता में तथा पटना मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में अपर जिला दण्डाधिकारी, की अध्यक्षता में टीम गठित कर कोचिंग संस्थानों की जांच कराई गई थी. इसमे मुख्य रूप से कोचिंग संस्था की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम एक वर्ग मीटर , वर्ग कक्ष में प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए. बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए. अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए. इन बिंदुओं पर जांच में ध्यान दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि सुरक्षात्मक मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.

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