जनपथ न्यूज़ पटना. फार्मासिस्ट की नियुक्ति में छूट देने की मांग को लेकर बुधवार को बिहार के दवा दुकानदारों ने तीन दिनों की हड़ताल शुरू की। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि इस दौरान वह सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही देंगे। सरकारी अस्पताल परिसर की दवा दुकानें खुली रहेंगी। बिहार में सात हजार फार्मासिस्ट हैं, जबकि 40 हजार से अधिक दवा दुकानें हैं। ऐसे में सभी दुकानों पर फार्मासिस्ट बैठाना संभव नहीं हो पा रहा है।
‘विशेष कोर्स कराकर दुकान चलाने की परमिशन दे सरकार’
एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन सिंह का कहना है कि दवा दुकानदारों का फार्मासिस्ट के नाम पर शोषण किया जा रहा है। औषधि निरीक्षक दवा दुकानदारों का आर्थिक रूप से दोहन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पहले दवा दुकानदारों को लाइसेंस जारी करता है, उसके बाद दोहन करता है। अगर फार्मासिस्ट का अभाव है, तो दवा दुकानों का लाइसेंस कैसे जारी किया जा रहा है। सरकार को अन्य राज्यों की तरह दवा दुकानदारों को विशेष कोर्स कराकर दुकान चलाने की इजाजत देनी चाहिए।

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