जनपथ न्यूज़ डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
7 अप्रैल 2023

बिहार के औरंगाबाद के लिए ये गर्व की बात है कि यादव कॉलेज के प्रोफेसर आज बिहार के शिक्षा मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। मगर हैरानी इस बात की है कि 15 साल से कॉलेज के उपस्थिति पंजी में उनका नाम तक नहीं है। बावजूद उसके उनका वेतन भुगतान किया जा रहा है। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर कुमार को लेकर अब ये नया विवाद सामने आया हुआ है। डॉक्टर चंद्रशेखर 2010 से मघेपुरा के सदर विधायक हैं। औरंगाबाद के रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग के वे सहायक प्राध्यापक भी हैं। इस कॉलेज में वे 8 अक्टूबर 1985 से कार्यरत हैं और उन्हें मार्च 2026 में यहां से सेवानिवृत भी होना है।

*15 साल से वेतन उठा रहे चंद्रशेखर*: जानकारी यह भी मिली है कि डॉ. कुमार पूर्व में आपदा विभाग के भी मंत्री रहे हैं और वर्तमान में राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री है। राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद महागठबंधन की सरकार में बिहार के शिक्षा मंत्री का पद संभाल रहे हैं। इधर यादव कॉलेज में प्रोफ़ेसर की संख्या देखी जाए तो सब्जेक्ट के हिसाब से एक भी प्रोफेसर उपलब्ध नहीं हैं। कई ऐसे विषय हैं, जिसमें प्रोफेसरों और शिक्षकों की संख्या नदारद है।

*राम लखन सिंह यादव कॉलेज का मामला*: इस संबंध में राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय रजक से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जूलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। पिछले 15 वर्षों से विधायक बनने के बाद कॉलेज में आना-जाना कम हो गया है। 15 साल पहले कॉलेज में डॉक्टर चंद्रशेखर क्लास भी लेते थे और छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन भी कराते थे। लेकिन वर्तमान के 15 वर्षों में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज हो रहा है और ना ही उनकी हाजिरी बन रही है।

*प्रोफेसर का वेतन ले रहे शिक्षा मंत्री*: सरकार के निर्देशानुसार वेतन भुगतान प्रोफेसर पद का भी किया जा रहा है। उपस्थिति पंजी में नाम ना अंकित होने और उपस्थिति न दर्ज होने पर प्राचार्य ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से उनकी हाजिरी नहीं बन रही है। फिर भी सरकार के फंड से उन्हें वेतन का भुगतान किया जा रहा है। वेतन भुगतान करना विभागीय आदेश है। वैसे फैसिलिटी का लाभ विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं और आर्थिक लाभ प्रोफेसर के पद से उठा रहे हैं। संविधान के जानकारों की मानें, तो ये बिल्कुल गलत है। प्रो. चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए वेतन नहीं ले सकते। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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