जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
2 जनवरी 2023

भागलपुर: हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी से परेशान होकर पक्षियों के जिले के गंगातटों के आसपास आने का सिलसिला जारी है। विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी में इन दिनों कॉमन केस्ट्रेल बहुतायत मात्रा में दिख रहा है। यह नदी किनारे खुली जगहों, झाड़ीनुमा क्षेत्रों व दलदली क्षेत्रों के साथ-साथ खेतों व मकानों पर भी दिख रहा है।

सैंडिस कंपाउंड व जय प्रकाश उद्यान में उमड़ी लोगों की भीड़ : शहर के सैंडिस कंपाउंड व जय प्रकाश उद्यान में देखा जा रहा है। यह चूहें, छिपकलियां, कीट, मेंढक व छोटे पक्षी को खाकर अपना पेट भरता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार ने बताया कि नर पक्षी को सामान्य तौर पर खेरमुतिया व मादा को नजरी कहते हैं। ऊपरी हिस्से का रंग लाल भूरा होता है, जिस पर काले रंग के धब्बे होते हैं। इसके शरीर का नीचे का हिस्सा बादामी रंग का होता है, जिस पर काले रंग की लंबी व पतली धारी होती है। नर पक्षी मादा से आकार में छोटा होता है।

पैराबैंगनी किरणों को देख सकता है यह पक्षी : कॉमन केस्ट्रेल के शिकार करने का तरीका काफी तेज होता है। ये आसमान से उड़ते हुए जमीन पर स्कैन करते हैं। इनकी दृष्टि काफी तेज होती है। ये पैराबैंगनी किरणों की चमक को भी पहचान लेते हैं। जब कोई चूहा अपने बिल में घुसा रहता है तो उसके बिल से बाहर पड़े मल-मूत्र में पैराबैंगनी चमक होती है, उसे देख कर भी अपने शिकार का अनुमान लगा लेते है।

शिकार पर पंजों से करता है अचूक प्रहार : आसमान में उड़ते हुए जैसे ही इसे अपना शिकार जमीन पर दिखाई देता है, यह आसमान में एक ही जगह पर मंडराते हुए तेजी से जमीन पर मौजूद शिकार पर पंजों से प्रहार करते हैं और उसे लेकर उड़ जाते हैं।

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