जनपथ न्यूज डेस्क

3 सितंबर 2022

मुख्यमंत्री की सत्ता पर पकड़ कमजोर होती जा रही है। भ्रष्टाचार और अवांछित तत्वों के विरुद्ध निर्णय लेने में हो रही देरी इस बात के सबूत हैं।

महागठबंधन की सरकार में राज्य के गन्ना मंत्री कार्तिकेय कुमार के इस्तीफा पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री के नए गठबंधन के साथियों के दबाव में हैं, जो स्पष्ट दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन और मंत्रिमंडल विस्तार के लगभग 15 दिन के बाद कोर्ट की सख्ती के मद्देनजर 31 अगस्त को पहले आरोपी मंत्री का विभाग बदला गया और फिर इस्तीफा लिया गया। यदि कोर्ट की सख्ती नहीं होती, तो ऐसे मंत्री सरकार में अभी भी बने होते। वर्तमान मंत्रिमंडल में इसके अलावा भी अन्य कई मंत्रियों पर मुकदमें चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ शासन और सत्ता में रहने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे फैसले लेने में कभी देर नहीं हुई। उनके ही पार्टी के तत्कालीन मंत्री मेवालाल चौधरी का मामला संज्ञान में आते ही इस्तीफा लिया गया था। उसके पूर्व भी अन्य मंत्रियों का नाम किसी मामले में आने पर तत्काल इस्तीफा लिया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कभी समझौता नहीं किया है और गठबंधन में रहते हुए भी इसका पूर्ण समर्थन किया है, परंतु इस बार महागठबंधन के साथ सरकार बनाकर मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस की हवा निकल गई है और राज्य सुशासन के मार्ग से भटक गया है।

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