जनपथ न्यूज़ भागलपुर. हम डरे हुए हैं, सहमे हुए हैं और देश में हर 15 मिनट में एक रेप हो रहा है। दुष्कर्मी को जिंदा क्यों नहीं जलाया जा सकता, उनको फांसी देने में स्पीडी ट्रायल में सात साल लगते हैं…हम सब अब और नहीं डरना चाहते। सुरक्षित जीना चाहते हैं। ऐसी खौफनाक मौत हमारा मुकद्दर क्यों बन रही है। हम बेखौफ रहना चाहते हैं। हमें हर हाल में सुरक्षित माहौल चाहिए।
ये शब्द एसएम कॉलेज में बीकॉम में पढ़ने वाली छात्रा निधी कुमारी के हैं। मगर ये खौफ, डर और गुस्सा लिए कॉलेज की करीब 5000 छात्राएं मंगलवार को सड़क पर उतरीं। उन्होंने हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद जलाकर की गई हत्या के दोषियों को जिंदा जला देने तक की मांग की। छात्राओं के प्राचार्य डॉ. अर्चना ठाकुर समेत सभी शिक्षिकाओं ने भी प्रदर्शन किया। छात्राएं 10.05 मिनट पर कॉलेज से निकलीं और वी वांट जस्टिस का नारा लगाते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचीं। वहां छात्राओं ने करीब 45 मिनट तक विरोध जताया। डीएम के नहीं रहने पर एडीएम को ज्ञापन सौंपा।
छात्राओं ने कहा, निर्भया कांड के बाद भी देश में कुछ नहीं बदला
छात्राएं सुरक्षा की गुहार और दोषी को सजा देने की मांग करते हुए कई प्लेकार्ड लिये हुई थी। एक छात्रा के प्लेकार्ड पर लिखा था निर्भया: अब कैसा है हिंदुस्तान? प्रियंका : कुछ भी तो नहीं बदला..न तुम पहली थी न मैं आखिरी हूं…इस प्लेकार्ड ने लोगों के दिलो दिमाग को इस तरफ झकझोरा कि मनाली चौक पर ट्रैफिक कुछ देर के लिए खुद ही रुक गई। इसके अलावा छात्राओं ने गैंगरेप के दोषियों को फांसी दो, बेटी बचाओ, हमें सुरक्षा चाहिए, अब कैंडिल मार्च की जरूरत नहीं, दोषियों को मौत दो, बलात्कारियों को सजा दो, बेटियों को सुरक्षा दो, हमें न्याय चाहिए, बेटियों को जीने दो जैसे पोस्टर लेकर नारा लगाती रहीं।
इसके बाद प्राचार्य डॉ. अर्चना ठाकुर व छात्राओं ने एडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर शिक्षक डॉ. रमन सिन्हा, डॉ. राजीव सिंह, डॉ. मुकेश सिंह, एनएसएस की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अनुराधा प्रसाद, छात्रा संयुक्ता भारती, आभा पूर्वे, खालिदा नाज, शिप्रा राज, ईशा कश्यप, मनीषा रानी, अपर्णा कुमारी, अदिति, काजल और अंजना राय भी शामिल रहीं।

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