जनपथ न्यूज़ डेस्क
जितेन्द्र कुमार सिन्हा
28 अप्रैल 2023

पटना: 27 अप्रैल को भगवान चित्रगुप्त महाराज का प्रकट उत्सव का दिन है और जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) की बिहार प्रदेश इकाई ने नागेश्वर कॉलोनी के रॉयल गार्डेन अपार्टमेंट स्थित केन्द्रीय कार्यालय में चित्रगुप्त भगवान की प्राकट्य उत्सव मनाया। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंध न्यासी रागनी रंजन ने करते हुए कहा कि भगवान चित्रगुप्त लेखनी के देवता हैं और इनकी पूजा अर्चना करने से व्यक्ति में साहस, शौर्य और ज्ञान की ऊर्जा गतिशील होती है। पुराणों के अनुसार चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उक्त अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि एक समय बह्माजी ने 11 हजार वर्ष की समाधि ली थी और जब वे समाधि मुक्त हुए तो उन्होंने देखा कि उनके सामने एक दिव्य पुरूष कलम-दवात लिए खड़ा है। बह्माजी ने उसका परिचय पूछा तो वह बोला, ”मैं आप के काया से उत्पन्न हुआ हूं। इसपर बह्माजी ने कहा कि ”मेरे काया से तुम उत्पन्न हुए हो इसलिए तुम्हारी जाति की संज्ञा ‘कायस्थ’ होगी और तुम पृथ्वी पर चित्रगुप्त के नाम से जाने जाओगे। इसप्रकार महाराज चित्रगुप्त भगवान का जन्म हुआ।

बिहार प्रदेश अध्यक्ष(महिला प्रकोष्ठ) नंदा कुमारी ने कहा कि
भगवान चित्रगुप्त महाराज की दो पत्नी से क्रमशः 8 और 4 कुल 12 पुत्र है, जो भानु, विभानु, विश्वभानु, वीर्यभानु, चारु, सुचारु, चित्र (चित्राख्य), मतिभान (हस्तीवर्ण), हिमवान (हिमवर्ण), चित्रचारु, चित्रचरण और अतीन्द्रिय (जितेंद्रिय) नाम से नामित है। उन्होंने कहा कि इन्हीं वंशजों के लोग पूरी दुनिया में कायस्थ नाम से विख्यात हैं।

उक्त अवसर पर भगवान चित्रगुप्त महाराज के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने बालों में बिहार प्रदेश महासचिव संजय कुमार सिन्हा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) नंदा कुमारी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष (विधि प्रकोष्ठ) डा० प्रियदर्शी हर्षवर्धन, प्रदेश अध्यक्ष (आईटी) ई० आशुतोष ब्रजेश, पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद, बिहार प्रदेश संगठन सचिव बलराम श्रीवास्तव, सिवान जिला अध्यक्षअतुल कुमार श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (कला संस्कृति) दीप श्रेष्ठ, कार्यालय सचिव प्रसून श्रीवास्तव, गोपाल जी, संजय जी सहित अन्य सदस्यगण थे।

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