जनपथ न्यूज डेस्क

Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
1 सितंबर 2022

भागलपुर: भागलपुर जिले में शहर समेत नाथनगर व सबौर में मंगलवार की रात को बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है। खासकर नाथनगर के दियारे पर स्थित एक दर्जन से अधिक गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। लोग अपने परिवार व मवेशी के साथ छोटी नाव के सहारे सुरक्षित जगहों पर पहुंच रहे हैं। गांव से भागते-भागते अनाज, चारा व घर के अन्य सामान में नाव से ढोकर किनारे तक पहुंचा रहे हैं। जैसे-जैसे गंगा की लहरें उग्र हो रही हैं, ग्रामीणों की धड़कनें तेज होती जा रही हैं। मालूम हो कि इससे पूर्व मंगलवार तड़के सुबह टीएमबीयू के पीछे दियारे पर बसे बिंद टोला में अचानक कोलाहल बढ़ गया।

*अब गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर*
टिल्हा कोठी में डोंगी के सहारे अपने छोटे-छोटे बच्चे, मवेशियों व घर के सामान को पहुंचा रहे राजेश मंडल ने बताया कि घर में तेजी से पानी घुसने लगा था। बुधवार की सुबह सात बजे तक घर में घुटने तक पानी जमा हो गया। द्वार पर खड़े भैंस, बकरियां व अन्य मवेशी जोर-जोर से मिमियाने व रंभाने लगे। ग्रामीणों का कोलाहल व मवेशी की आवाज सुनकर चौकी पर सोये चार बच्चे उठकर रोने-धोने लगे। यह कहते ही राजेश के मुख से अनायास निकल गया… जै गंगा मैया, बच्चा बुतरू के जान बचाबो।

*कौन कौन से गांव में घुसा पानी*
गंगा में आई बाढ़ के कारण भागलपुर शहर से सटे व दियारे पर बसे दर्जनों गांव के हजारों परिवार की जिंदगी मुश्किल में है। इनमें बिंदटोला, श्रीरामपुर, गोसाईंदासपुर, शाहपुर, अमरी बिशनपुर, रसदपुर, अजमेरीपुर, बैरिया, रत्तीपुर, रसीदपुर, शंकरपुर व मोहनपुर समेत अन्य गांव हैं। ऐसी ही स्थिति शहर के गंगातट के किनारे बसे चंपानगर, महाशय ड्योढ़ी, साहेबगंज, लालूचक, विवि प्रशासनिक भवन के पीछे, किलाघाट, बूढ़ानाथ घाट,माणिक सरकार घाट, मुसहरी घाट, बरारी घाट से लेकर सबौर के रजंदीपुर, बाबूपुर, संतनगर, बगडेर बगीचा समेत अन्य इलाके की हैं।

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