जनपथ न्यूज
रिपोर्ट: न्यूज डेस्क
Edited by: राकेश कुमार
अप्रैल 22, 2022
पटना: लोहार अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर हो गए हैं। इस जाति के सदस्य पहले की तरह अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल रहेंगे। उन्हें इस समूह में शामिल अन्य जातियों की तरह सरकारी सेवाओं में आरक्षण एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस साल 21 फरवरी को एक याचिका की सुनवाई के दौरान लोहार को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बिहार सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। उसी आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। सरकार के आदेश के बाद लोहार जाति के लोगों को पहले से जारी अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र मान्य नहीं होंगे। उन्हें नए सिरे से एनेक्चर-1 का जाति प्रमाण-पत्र बनाना होगा।
बता दे कि राज्य सरकार ने लोहार को आठ अगस्त, 2016 को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया था। इससे पहले लोहार जाति एनेक्चर-1 की सूची में शामिल थी। इस सूची के 115वें नंबर पर इस जाति का उल्लेख था। सूची में परिवर्तन के लिए जारी आदेश का 23 अगस्त, 2016 को गजट में प्रकाशन किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस गजट को ही रद कर दिया।

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