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हालात:सफाई व्यवस्था बेहतर करने को 5 साल में 6 बार निर्णय, लेकिन हालात जस के तस…..

जनपथ न्यूज डेस्क

Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर

भागलपुर : पिछले पांच सालों में शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने काे लेकर छ: बार निर्णय लिए गए लेकिन वह जमीन पर एक बार भी नहीं उतर सकी। सामान्य बाेर्ड की बैठक से लेकर स्थाई समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हर वार्ड के प्रमुख गलियाें में सफाईकर्मियाें के नाम व माेबाइल नंबर दीवाराें पर अंकित कराए जाएंगे ताकि उस इलाके में सफाईकर्मी न जाएं या गंदगी रहे ताे सीधे उस नंबर पर काॅल करके उनकी शिकायत किया जा सके।

लेकिन यह अफसोस की बात है कि निर्णय व घोषणाओं के बाद भी हालात अब भी न केवल पांच वर्ष पुराने ही हैं बल्कि ये हालत बद से बदतर स्थिति में नजर आने लगी है। नगर निगम अंतर्गत वार्डों की गलियाें में सफाईकर्मियाें के नहीं आने या कूड़ा उठाव ठीक से नहीं हाेने पर पार्षद या निगम कार्यालय ही जाकर लाेग शिकायत करते हैं। सुधार के नाम पर सिर्फ शिकायती नंबर जारी हुआ है जाे ऑफिस टाइम में निगम कार्यालय में चालू रहता है। उसके बाद वह भी बंद हाे जाता है। अब नए नगर आयुक्त याेगेश सागर ने भी सभी सफाईकर्मियाें के नाम व नंबर दीवाराें पर अंकित कराने के निर्देश दिए हैं।

*अभी इस तरह हो रहा है काम*
सभी जाेनल प्रभारी के पास वार्ड प्रभारी का माेबाइल नंबर रहता है, जरूरत के अनुसार वह वार्ड प्रभारी काे काॅल कर निर्देश देते हैं। जबकि स्वच्छता प्रभारी के पास सभी जाेनल प्रभारी का ताे नंबर रहता ही है, वार्ड प्रभारी का भी नंबर रहता है लेकिन सीधे संबंधित गली के मजदूर काे काॅल करने की अभी तक व्यवस्था नहीं हो पाई है।

*अब ये हो रही है तैयारी* निगम के 1100 सफाई मजदूराें काे आवंटित गली या सड़काें के अलावा अन्य दफ्तरों की जानकारी की एक लिस्ट तैयार हाे रही है जिसमें उनके कार्य के आगे स्थान लिखा रहेगा। वह निगम प्रशासन के अलावा वार्ड प्रभारी से लेकर जाेनल प्रभारी व स्वच्छता प्रभारी के पास भी रहेगा जिससे वह संबंधित कर्मचारी काे सीधे काॅल कर जानकारी ले सकें।

*वार्डों में नाला जाम होने की सबसे अधिक मिल रही है शिकायत*
शहर के सभी 51 वार्डाें में नालाें की उड़ाही की सबसे ज्यादा शिकायत आ रही है इसके अलावा समय पर कूड़ा उठाव नहीं हाेना, सलीके से डस्टबिन नहीं लगाने से सड़काें पर वाहनाें का जाम लगना, डस्टबिनाें की सफाई नहीं करने एवं चूना और ब्लीचिंग पाउडर का डंपिंग जाेन में नियमित छिड़काव नहीं हाेने से दुर्गंध की समस्या बनी हुई है।

*2017 के बाद स्वच्छता रैंकिंग में लगातार पिछड़ता गया शहर*
विदित हो कि 2016 में स्वच्छता रैकिंग 350वां स्थान भागलपुर का था और पहली बार 2017 में देशभर के 434 शहराें में हुए सर्वे के दौरान भागलपुर का स्थान 275वां आया था। इसके बाद से लगातार शहर पिछड़ता ही जा रहा है। बता दे कि 2018 में 4041 शहराें में 465वां ताे 2019 में 4237 शहराें में 412वां और 2020 में 4242 शहराें में 379वां स्थान भागलपुर का आया था।

कुल मिलाकर 2017 की स्थिति में भी यह शहर वापस नहीं आ पा रहा है, जबकि जितने संसाधन आज हैं, उतने ही संसाधन 2017 में भी थे। उसी वर्ष शहर में 48 ऑटाे ट्रीपर से लेकर जेसीबी, हाइवा, कांपैक्टर, जेटिंग मशीन व डिसल्टिंग मशीन खरीदे गए थे। इसके बाद 2021 में ही 55 ऑटाे टिपर व 200 हाथ ठेला खरीदे गए लेकिन उन संसाधनाें का भी ठीक से इस्तेमाल नहीं हाे रहा है। नए टिपराें के आते ही पुराने गाेदाम में डंप हाे गए, न ही यह रिपेयरिंग हाे रही और न ही इसके प्रयास हाे रहे हैं।

*सफाईकर्मियों के नाम और मोबाइल की सूची तैयार हो रही*
भागलपुर के पीआरओ रवीश चंद्र वर्मा ने बताया कि सभी मजदूराें के नाम व माेबाइल नंबर के अनुसार लिस्ट तैयार हाे रही है। सभी वार्डाें के प्रमुख गलियाें में उनके नाम व नंबर जल्द अंकित कराए जाएंगे।

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