जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
27 जुलाई 2022
भागलपुर: सावन के श्रावणी मेले में कई श्रद्धालुओं की भक्ति देखते ही बनती है, एक से बढ़कर एक कांवरियों की आस्था मिशाल बनकर ये दर्शाती है कि हमारी भक्ति किसी से कम नहीं है। लेकिन सुल्तानगंज में सोमवार को पहुंची एक 70 वर्षीय महिला को सुरक्षा घेरे में देख, उन्हें न जानने वालों के मन में सवाल खड़े हो गये कि आखिर ये मातृ स्वरुपा वीइईपी महिला है कौन..? क्या वो कोई अधिकारी हैं या कोई नेत्री..? तभी कांवड़ियों की भीड़ से आवाज आई कि ये न तो कोई नेत्री हैं और न कोई अधिकारी, यह तो अनन्य भक्ति की सागर में डूबकीं लगाने वाली आस्था की पुजारन एक बाबा भक्त हैं। ऐसी बाबा भक्त, जो कोरोना काल के पहले तक 37 बार डाक बम बनीं और दौड़कर लगातार बाबा धाम देवघर पहुंची,ऐसी बाबा भक्त, जो एक शिक्षिका भी रहीं हैं। उनकी भक्ति-भाव में कोई विघ्न न पड़े इसलिए उन्हें सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाती रही है।
गौरतलब हो कि बाबा भोलेनाथ के बिरले-अनोखे भक्तों में शुमार मां कृष्णा बम की भक्ति ऐसी है कि उनके इंतजार में श्रावणी मेले के आयोजक भी राह ताक रहे होते हैं। इस बार जैसे ही कृष्णा बम के आगमन की सूचना आयोजकों (प्रशासन) को मिली उनके सम्मान की व्यवस्था भी तुरंत कर दी गई। सुल्तानगंज पहुंची इस मां कृष्णा बम को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने गंगा जी में डुबकी लगाई और यात्रा का संकल्प लेते हुए गंगाजल उठा लिया।
*उनके दर्शन के लिए बाबा भक्तों ने लगाई लाइन*
जैसे ही मां कृष्णा बम सुल्तानगंज पहुंची। उनको जानने-पहचानने वाले अपनी मां कृष्णा बम के दर्शन के लिए दौड़ पड़े और कतारबद्ध होकर उन्होंने कृष्णा बम के पैर छुए और उनसे आशीर्वाद मांगा।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चकवासु की रहने वाली कृष्णा बम का जन्म वैशाली जिले में हुआ है। शादी के बाद उन्होंने 1967 में मैट्रिक पास किया और फिर राजनीति विज्ञान से बीए कर ली और फिर वह एक सरकारी शिक्षीका बन गई। देवादिदेव महादेव की परम भक्ति के लिए उन्होंने नौकरी त्याग दी।
*पाकिस्तान जाकर किया जलाभिषेक*
मां कृष्णा बम और उनका भगवान शिव के प्रति प्रेम ऐसा है कि वह पाकिस्तान तक गई। उनकी धार्मिक यात्रा की सूची बहुत ही लंबी है। हर साल सुल्तानगंज से देवघर तक 105 किमी की दौड़ लगाने के अलावा (कोरोना काल को छोड़कर) कृष्णा बम ने कई तीर्थ-धाम किए। दिसंबर 2018 में पाकिस्तान के कटास राज धाम जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया,1989 में गंगोत्री से रामेश्वरम 4500 किमी पैदल यात्रा भी तय की।
2014 में वह कैलाश मानसरोवर गईं,पहली बार उन्होंने 1975 में पहलेजा से गरीबनाथ तक पैदल यात्रा कर वहां जलाभिषेक किया था और फिर 1982 तक लगातार पैदल ही सफर कर बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक किया।
*11 बार साइकिल से वैष्णो देवी की यात्रा :*
ऐसा नहीं है कि कृष्णा बम सिर्फ शिव को ही मानती हैं। वह मां दुर्गा की भी आराधना करती हैं। पति संग वह साइकिल से 11 बार वैष्णो देवी की यात्रा कर चुकी हैं। 11 बार मुजफ्फरपुर से कटरा तक गईं और वह मुजफ्फुरपुर से मां कामख्या देवी भी साइकिल चलाकर जा चुकी हैं।
फिलहाल, एक बार फिर कृष्णा बम ने यात्रा का संकल्प ले लिया है। अब वह बिना रुके बाबा धाम तक जाएंगी। विदित हो कि डाक बम वह होता है, जो एक बार जल उठाते ही और यात्रा का संकल्प लेते ही बिना रुके अपने गंतव्य तक जाते हैं। कांवरियों के जत्थे में एक डाक बम की भक्ति देखते ही बनती हैं। इन्हीं में एक दांडी बम भी होते हैं,जो दंडवत प्रणाम करते हुए बाबा धाम तक जाते हैं। डाक बम की यात्रा 24 घंटे के अंदर पूरी हो जाती है तो वहीं दांडी बम को एक महीने का समय लगता है।