*मूंदीचक गढ़ैया पंडाल में दिखेगा केदारनाथ का स्वरूप,कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर की भी दिखेगी झलक*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
28 सितंबर 2022

भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले में अलग-अलग दुर्गा पूजा समिति की ओर से कुल 25 पंडाल बनाए जा रहे हैं, जो काफी ज्यादा आकर्षक होने वाला है। ऐसे में हम आपको शहर के 5 सबसे बड़े पंडाल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां देश भर के प्रसिद्ध मंदिरों का नजारा देखने को मिलेगा।

इन पंडालों में मूर्ति बनाने के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों के अलावा कोलकाता से भी कारीगर मेहनत कर रहे हैं। सभी पंडाल और मूर्तियों की तैयारी अब आखिरी चरण पर है। अगले एक से दो दिनों में ये सभी पंडाल बन कर तैयार हो जाएंगे, तो आइए जानते हैं भागलपुर के 5 सबसे बड़े पूजा पंडाल के बारे में…

  1. स्थानीय मारवाड़ी पाठशाला में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है। यहां पर अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है।

    *100 फीट लंबा और चौड़ा होगा पंडाल*
    शहर के मारवाड़ी पाठशाला में सबसे बड़ा पंडाल बनाया जा रहा है। यहां अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है। यहां पर जूवक संघ की ओर से पूजा की जाती है। यहां पंडाल, लाइटिंग, प्रसाद और पूजा का कुल बजट करीब 30 लाख रुपए का है। यहां के पंडाल की चौड़ाई करीब 100 और ऊंचाई भी 100 फीट के करीब है। यहां मूर्ति बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर आते हैं। यहां साल 2000 से ही मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है।

*बाबा केदारनाथ के होंगे दर्शन*
शहर का दूसरा सबसे बड़ा पंडाल मूंदीचक गढ़ैया में बनाया जा रहा है.यहां साल 1958 से ही पूजा हो रही है। यहां के पंडाल में भागलपुर के लोग केदारनाथ के झलक देखेंगे। यहां का पंडाल बेहद ही आकर्षक बनाया जा रहा है। पूजा में पंडाल, लाइटिंग, प्रसाद का कुल बजट करीब 15 लाख रुपए है। मुंडीचक दुर्गा पूजा समिति के सचिव कुमार धर्मेंद्र कहते हैं कि इस बार भागलपुर में ही केदारनाथ के दर्शन करवाने के उद्देश्य से ऐसे पंडाल बनाए जा रहे हैं।

कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर का छोटा रूप दिया जा रहा है। कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर का छोटा रूप दिया जा रहा है। कोलकाता का दक्षिणेश्वर मंदिर
शहर के केंद्र में मौजूद कचहरी चौक पर भागलपुर का तीसरा सबसे बड़ा पंडाल बन रहा है। यहां 33 वर्षों से मूर्ति की स्थापना होती है। यहां पर मूर्ति बनाने के लिए कोलकाता बाली से कारीगर आते हैं। इस बार यहां के पंडाल को कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर का छोटा रूप दिया जा रहा है और यहां के पूजा का बजट 10 लाख रुपए है।

दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर
इस बार के दुर्गा पूजा में शहर का चौथा सबसे बड़ा पंडाल मंदरौजा में बन रहा है। यहां पर पंडाल दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर के तर्ज पर बनाए जा रहे हैं। पूजा में प्रसाद, पंडाल और लाइटिंग में करीब 10 लाख रुपए का बजट बनाया गया है। वहीं हल्दिया का दुर्गा मंदिर शहर के आदमपुर चौक पर 5वां सबसे बड़ा पंडाल बनाया जा रहा है। यहां पर 1968 से ही माता की मूर्ति की स्थापना होती है। यहां पर हल्दिया के दुर्गा मंदिर के तर्ज पर पंडाल निर्माण हो रहा है। यहां के पूजा में प्रसाद, पंडाल, लाइटिंग में कुल 10 लाख रुपए खर्च होने वाले हैं।

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