जनपथ न्यूज़:- पटना. बिहार विधानपरिषद में एक चर्चा के दौरान जवाब देते हुए सीएम नीतीश कुमार ने पीएचईडी विभाग के कामकाज को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि उनके निर्देशों के बाद भी विभाग के अधिकारी काम में लापरवाही बरत रहे हैं.
सीएम के निशाने पर PHED विभाग
विधानपरिषद में चर्चा तो हो रही थी चमकी बुखार को लेकर लेकिन चर्चा के दौरान ही राज्य का पीएचईडी विभाग मुख्यमंत्री के निशाने पर आ गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग के कामकाज के तरीकों पर सख्त नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि निर्देशों के बाद भी जिलों में इस विभाग के अधिकार उनकी बात नहीं सुन रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका इंटेलीजेंस विभाग पीएचईडी विभाग की असफलताओं के बारे में जो रिपोर्ट भेजी है उसके उपर वो लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. चर्चा के दौरान हालांकि उन्होंने पीएचईडी विभाग और बीजेपी कोटे से मंत्री विनोद नारायण झा का नाम तो नहीं लिया लेकिन साफ तौर पर उनके निशाने पर विनोद नारायण झा थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वो इस लापरवाही में शामिल उपर से नीचे तक के लोगों पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
सीएम ने जाहिर की नाराजगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी मंत्रियों के कामकाज को लेकर नाराजगी साफ दिखाई दे रही है. सोमवार को ही विधानसभा की बैठक के दौरान विधानसभाध्यक्ष ने विपक्षी पार्टियो की तरफ से दिए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया और चमकी बुखार पर जमकर चर्चा हुई.  इस दौरान बीजेपी कोटे से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को उन्होंने विपक्षी पार्टियों के वार को झेलने के लिए अकेला छोड़ दिया.
अपनों ने ही उठाए सवाल
दरअसल विधानपरिषद के प्रश्नोत्तर काल में पीएचईडी विभाग के कामकाज को लेकर बीजेपी के ही एमएलसी नवल किशोर यादव ने सवाल उठाया था. नवल किशोर यादव ने कहा कि भीषण गर्मी के बाद भी धनरूआ इलाके में विभाग खराब पड़े चापाकल को ठीक नहीं करवा पा रहा है. नवल किशोर यादव के इस सवाल से तिलमिलाए विनोद नारायण झा ने कहा कि विधानपार्षद का दावा गलत है. हालांकि जब एमएलसी नवल किशोर यादव ने मंत्री को चुनौती दी तो मंत्रीजी डिफेंसिव हो गए. वहीं इस मसले पर राजद ने भी विनोद नारायण झा को निशाने पर लिया और सीएम की नल और जल योजना की सफलता पर सवाल उठाए.

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