जनपथ न्यूज़:- वित्त मंत्री निर्मला सीतारण आज देश का बजट पेश करेंगी. प्रचंड बहुमत के साथ देश की सत्ता पर काबिज़ हुई नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला बजट है. ऐसे में हर क्षेत्र को सरकार से काफी उम्मीदें हैं. कृषि के क्षेत्र में भी मोदी सरकार ने सुधार के कई वादे किए हैं. संभावना है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए सरकार कई योजनाओं को पेश कर सकती है.
सरकार के आते ही नीति आयोग की पहली बैठक में कृषि, खास तौर पर खाद्य पर बात हुई थी, कृषि क्षेत्र में सुधार पर फोकस रहा था. किस तरह से कॉरपोरेट/प्राइवेट सेक्टर के इन्वेस्टमेंट को बढ़ाया जाए इस पर भी चर्चा हुई, इस बैठक में तीन सुधारो की योजना पेश की गई थी.
कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग
मंडी समिति में सुधार
आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून में सुधार के लिए योजना
इसके लिए मुख्यमंत्री की समिति बनाई गई है, दो महीने में रिपोर्ट देनी है. पहली कैबिनेट में सभी किसानों के लिए पीएम किसान योजना के तहत 3 करोड़ लोगों को शामिल किया गया. हालांकि इससे वित्तीय खर्च बढ़ जाएगा. इसके लिए बजट में प्रावधान भी करने होंगे.
तक़रीबन 87000 करोड़ रुपए तक के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है और इसका वित्तीय प्रबंधन करना बड़ा काम होगा. ये सबसे बड़ा प्रावधान होगा इस बजट में.
दलहन की समस्या पर्याप्त उपलब्धता हो गई है. अब तिलहन के उत्पादन बढ़ाने लिए सरकार कुछ प्रावधान बजट में कर सकती है. अभी भी तिलहन के लिए आत्मनिर्भरता नहीं बन पाई है. विदेशी उत्पादों पर निर्भर रहना पड़ता है.
उधर, कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की कवरेज बढ़ाने के लिए जोर लगा रही है. अभी यह लगभग 50 फीसदी किसानों के पास ही है. देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं. जिसमें से सात करोड़ के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक केसीसी के लिए सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति अप्लीकेशन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक उसके खेती के कागजात देखें और उसकी कॉपी लें. दूसरा निवास प्रमाण पत्र और तीसरा आवेदक का शपथ पत्र कि उसका किसी और बैंक में लोन तो बकाया नहीं है.
सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए. राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं. ताकि किसान संस्थागत ऋण प्रणाली के तहत कर्ज लें न कि साहूकारों से.
तो एक लाख तक ब्याजमुक्त लोन!
मोदी सरकार अगर बीजेपी की ओर से लोकसभा चुनाव में किए गए वादे को निभाती है तो किसानों के लिए बड़ी राहत होगी. संकल्प पत्र में किए गए वादे के मुताबिक सत्ता में वापस आने पर सरकार एक से पांच साल के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख का कृषि कर्ज देगी, लेकिन इसमें मूलराशि के समय पर भुगतान की शर्त होगी. यह ब्याजमुक्त किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण कहलाएगा. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि बीजेपी का संकल्प पत्र हमारा विजन डॉक्यूमेंट है.

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