उनके बिना हम ला रहे अब ज्यादा वोट

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
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11 नवम्बर 2022

भागलपुर/पटना : बिहार के मोकामा और गोपालगंज में विधानसभा उपचुनाव के बाद अब कुढ़नी उपचुनाव पर सभी की नजरें लगी हुई हैं। गौरतलब है कि साल 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव के बाद तारापुर, कुशेश्वर स्थान, बोचाहां, मोकामा और गोपालगंज में अब तक उपचुनाव हुए हैं। इस बीच नीतीश सरकार का स्वरुप भी बदला है।

तारापुर, कुशेश्वर स्थान और बोचहां उपचुनाव के समय नीतीश कुमार और भाजपा का साथ था। वहीं, मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव साथ रहे, भाजपा अलग-थलग रही। पांचों उपचुनावों में भाजपा को सिर्फ एक सीटिंग सीट का नुकसान झेलना पड़ा है। इसके बावजूद भाजपा का दावा है कि बिना नीतीश कुमार के हम तेजी से बढ़ रहे हैं।

कुढ़नी पर सभी की लगी हुई है नजर : अब कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से ही शुरू हो चुकी है। कुढ़नी से राजद के विधायक अनिल साहनी की विधायकी चली गई थी। उनपर तब जाली ई-टिकट और बोर्डिंग पास के जरिए 23 लाख 71 हजार रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगा था। बता दे कि कुढ़नी में नामांकन की प्रक्रिया 17 नवंबर तक चलेगी और 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 21 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी।

विधान सभा चुनाव 2020 के बाद हुए उपचुनावों में किसकी कितने वोट से जीत हुई, अब जरा इसे भी देखिए –
तारापुर और कुशेश्वर स्थान उपुचनाव : इन दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में जदयू की जीत हुई। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से लोगों को काफी उम्मीदें थीं। बहुत दिनों बाद लालू प्रसाद दोनों जगहों पर चुनाव प्रचार में गए और उन्होंने मंच से भाषण भी दिया लेकिन, दोनों जगह लालू का जादू नहीं चल पाया, उल्टे सवर्णों का वोट बैंक रातों-रात बिगड़ गया।

तारापुर में जदयू के उम्मीदवार राजीव कुमार सिंह ने राजद के उम्मीदवार अरुण कुमार साह को 3821 मतों से हरा दिया। यहां लालू प्रसाद का वैश्य कार्ड फेल हो गया। कुशेश्वर स्थान में हजारी परिवार की ताकत बरकरार रही। कुशेश्वर स्थान में जदयू के अमन हजारी ने 12 हजार 698 वोटों से जीत दर्ज की और उन्होंने गणेश भारती को हरा दिया। वहीं, कांग्रेस के अतिरेक तीसरे स्थान पर रहे थे।

लालू प्रसाद यादव का मुसहर कार्ड यहां काम नहीं आया। तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कांग्रेस ने अकेले चलने का मन बनाया और अपना अलग उम्मीदवार दिया था।

बोचहां उपचुनाव : बोचहां में राजद के अमर पासवान ने जीत हासिल की थी। भाजपा की बेबी कुमारी को 36,653 मतों से उन्होंने शिकस्त दी थी। यहां वीआईपी पार्टी के मुकेश साहनी ने रमई राम की बेटी गीता कुमारी को टिकट दिया था। वह तीसरे स्थान पर रही थीं। कांग्रेस ने बोचहां में भी अकेले चलना तय किया और अपना उम्मीदवार दिया था।

मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव : इन दोनों उपचुनावों की खासियत यह थी कि ये पहला विधान सभा उपचुनाव है, जो 2020 के विधान सभा चुनाव के बाद ऐसी परिस्थिति में हुआ, जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव फिर से साथ हुए थे। दोनों जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पेट में दर्द की वजह से प्रचार में नहीं गए और उन्होंने पटना से ही संदेश जारी किया।

विधान सभा चुनाव के बाद मोकामा-गोपालगंज में यह पहला विधान सभा उपचुनाव था, जिसमें कांग्रेस भी राजद के साथ रही। मोकामा में बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने भाजपा की सोनम देवी को 16,707 वोटों से हरा दिया और गोपालगंज में भाजपा की कुसुम देवी ने राजद के मोहन गुप्ता को 2183 वोटों से हराने का काम किया।

मोकामा में भूमिहार और यादव वोटरों ने अनंत सिंह की पत्नी सह राजद उम्मीदवार नीलम देवी को भरपूर वोट किया तो गोपालगंज में साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव ने यादवों का वोट काट लिया। बाकी कमी एआईएमआईएम ने पूरी कर दी। परिणाम स्वरूप अपने ही गढ़ में तेजस्वी यादव राजद को हार से नहीं बचा पाए। लालू परिवार के अंतर्कलह की वजह से यहां राजद को बड़ा नुकसान हुआ। गोपालगंज में राजद का वैश्य कार्ड तारापुर उपचुनाव की तरह ही फेल हो गया। कांग्रेस की स्थिति तो ऐसी रही कि गोपालगंज से कांग्रेस लड़ती थी, लेकिन कांग्रेस ने यह सीट नहीं मांगी।

तारापुर – जदयू के राजीव कुमार सिंह जीते थे,कुशेश्वर स्थान – जदयू के अमन हजारी जीते थे,बोचहां – राजद के अमन पासवान जीते थे, मोकामा – राजद की नीलम देवी जीतीं थीं और गोपालगंज – भाजपा की कुसुम देवी जीतीं थीं।

कहां-किसकी सीटिंग सीट थी : पांच उपचुनावों में राजद की एक सीटिंग सीट थी-मोकामा में। जदयू की दो सीटिंग सीटें थीं, तारापुर और कुशेश्वर स्थान में, भाजपा की दो सीटिंग सीट थी बोचहां और गोपालगंज में। बोचहां में भाजपा ने अपने कोटा से वीआईपी को सीट दी थी। भाजपा के कोटा से यानी पांच उपचुनावों में भाजपा को एक सीट का नुकसान झेलना पड़ा है।
इस हार पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल कहते हैं कि नीतीश कुमार से अलग होने के बाद बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां अलग हो गई हैं। लेकिन भाजपा ने अपने वोट बैंक को ज्यादा मजबूत किया है और बगैर नीतीश कुमार के हमारी ताकत बढ़ी है। उन्होंने बताया कि हम नीतीश कुमार के साथ जब थे, तब जितना वोट ला रहे थे, अब उससे ज्यादा वोट ला रहे हैं.यह हमारी उपलब्धि है।

श्री पटेल के अनुसार नीतीश कुमार की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। बिना नीतीश कुमार के हमारे वोटों में क्षरण नहीं है। चुनाव की हार-जीत कई कारणों से होती है। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में भाजपा की ताकत और बढ़ेगी। पार्टी अपने बलबूते बढ़ने और लड़ने की ताकत रखती है।

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