गंगा घाट से कांवरिया का समान गायब, दुकानदारों ने पुलिस बलों पर ड्यूटी के दौरान कोताही बरतने का लगाया आरोप

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
21 जुलाई 2022

भागलपुर : भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित नमामि गंगे घाट पर कांवरिया का सामान चोरी होने की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। श्रावण मास के आठवें दिन तक तीन दर्जन से अधिक कांवरिया का समान चोरी होने का मामला थाना पुलिस तक पहुंच चुकी है। गुरुवार सुबह में एक दर्जन से अधिक कांवरिया का थैला, पैसा, मोबाइल व अन्य समान गायब होने की घटना के बाद कांवरिया बहुत ज्यादा परेशान हो गये और इस घटना की जानकारी थाना पुलिस को दिया गया।

*पुलिस ने तीन दुकानदार को हिरासत में लेकर किया पूछताछ*
थाना पुलिस ने चोरी के आरोप में तीन दुकानदार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके साथ ही घाट पर कई पंडा से भी पुलिस ने पूछताछ कर घटना की जानकारी ली है। कई कांवरियों ने बताया कि पूजा कराने के दौरान पंडा के सामने थैला चोरी हो गया। थैला में पैसा, मोबाइल व अन्य समान था। चोरी होने पर कांवरिया ने जब पंडा व दुकानदारों से इसकी शिकायत की तो किसी ने कोई मदद नहीं की। कोई मदद मिलने के बाद परेशान कांवरियों ने थाना पुलिस को घटना की जानकारी दी।

*पंडा व दुकानदारों ने जमकर किया हंगामा*
जानकारी मिलने के बाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल तीन दुकानदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जिससे पंडा व दुकानदार आक्रोशित हो गये। तत्पश्चात पंडा व दुकानदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चोरी की घटना होने के बाद पुलिस घाट पर पहुंची और कई लोगों को बेवजह हिरासत में लेकर पिटाई करने लगे और कई लोगों को थाना लेकर चले गये। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पंडा व दुकानदारो ने जमकर गंगा घाट पर हंगामा किया। वे नियंत्रण कक्ष के पास पहुंच कर हंगामा करते हुए आक्रोश व्यक्त कर हिरासत में लिये गये दु्कानदारों को छोड़ने की मांग करने लगे।

*पंडा व दुकानदारों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए*  इस दौरान पंडा व दुकानदारों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की घटना कांवरिया के साथ होने पर निर्दोष पंडा व दुकानदारों को ही परेशान किया जाता है। पंडा व दुकानदारों ने आरोप लगाया कि पुलिस डरा- धमकाकर हमेशा प्रताड़ित करने का प्रयास करती है। कांवरिया के वेष में चोर-उचक्के घाट पर सक्रिय रहते हैं, जिसे रोकने का काम पुलिस कर्मियों का है। पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में पंडा व दुकानदारों ने सभी काम बंद कर दिया। वहीं, पंडा ने संकल्प कार्य नहीं कराया।

दोपहर 12 बजे के बाद जान्हवी गंगा परिषद के अध्यक्ष अजीत कुमार के साथ पुलिस पदाधिकारी ने वार्ता की, जिसमें बताया गया कि चोरी की घटना को रोकने के लिए सभी को आगे आना होगा तभी इस तरह की घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है। अजीत कुमार ने कहा कि प्रत्येक साल मेला के दौरान चोरी की घटनाएं होने पर पुलिस द्वारा बेवजह कारोबार करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाती हैं। जिसमें कई निर्दोष लोगों को जेल तक जाना पड़ता है। इसके बाद ऐसी समस्याओं के समाधान का आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।

*सीसीटीवी कैमरा निगरानी में हो रही है चोरी की घटना* श्रावणी मेला शुरू होने के पहले प्रशासनिक बैठक में गंगा घाट व मेला क्षेत्र में चोरी होने की घटना को रोकने के लिए एक बड़ी योजना बनायी गयी थी, जिसमें कई प्रकार के कार्रवाई करने की बात भी कही गई थी। चोरी की घटना पर विराम लगाने  व चोर उचक्कों को पकड़ने के लिए काफी संख्या में सीसीटीवी कैमरा गंगा घाट किनारे लगाया गया है और बड़े पैमाने पर पुलिस पदाधिकारी के साथ पुलिस बल की नियुक्ति की गई है। नियंत्रण कक्ष व सहायक थाना की भी स्थापना की गई गई है। इसके बावजूद भी चोरी की घटनाएं गंगा घाट पर हो रही है।

*पुलिस बल की गश्ती कराने की मांग*
चोरी की घटना पर पंडा व दुकानदारों को दोषी ठहराये जाने को लेकर आये दिन हंगामा व आक्रोश की घटनाएं हो रही हैं। गंगा घाट के किनारे दुकानदार व पंडा को इसका दंश झेलना पड़ रहा है। मौके पर मौजूद कई दुकानदारों ने बताया कि कांवरिया के वेष में चोर-उचक्के गंगा घाट पर सक्रिय है और पुलिस उसकी पहचान नहीं कर पाती है। पुलिस नियंत्रण कक्ष व सहायक थाना के शिविर में ही ड्यूटी करते हैं। लोगों ने बताया कि गंगा के किनारे जहां कांवरिया स्नान कर पूजा करते हैं वहां पुलिस की निगरानी व गश्ती नहीं होने के कारण चोर- उचक्के सक्रिय होकर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। चोरी की घटना होने पर जब पुलिस को निगरानी कराने की मांग करते हैं तो इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है जिसके कारण चोर-उचक्कों का मनोबल बढ़ा हुआ है. दुकिनदारों ने पुलिस बलों पर डियूटी में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी खुद तो ड्यूटी ठीक से नहीं कर पाते हैं लेकिन अपने द्वारा कोताही बरतने के परिणाम को गरीब दुकानदारों व पंडों के सिर पर थोंपकर महज खानापूर्ति करने में जरा सा भी लज्जा महसूस नहीं करते।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed