जनपथ न्यूज़ डेस्क
रिपोर्ट: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
26 अप्रैल 2023

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कोशिशों पर उनके पूर्व सहयोगी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जमकर तंज कसा है। पीके ने उनकी तुलना आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू से करते हुए बताया है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में उनके ऐसे ही प्रयासों का अंजाम क्या हुआ था।

*चंद्रबाबू नायडू भी इसी भूमिका में थे*

प्रशांत किशोर ने मंगलवार को संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा है कि, ‘हम एक उदाहरण देते हैं। 2019 में आंध्र प्रदेश के एक मुख्यमंत्री थे चंद्रबाबू नायडू। वह उसी भूमिका में थे, जिस भूमिका में आने का नीतीश कुमार प्रयास कर रहे हैं।’ किशोर इस समय जन सुराज यात्रा के तहत पूरा बिहार घूम रहे हैं।

*’बहुमत की सरकार थी और सत्ता से बाहर हो गए थे’*

प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘नीतीश कुमार के तो 42 एमएमलए है, लंगड़ी सरकार है…..वह (चंद्रबाबू) तो उस राज्य में बहुमत की सरकार चला रहे थे। और यही भूमिका उन्होंने भी शुरू किया था, बंगाल और पूरे देश का दौरा कर रहे थे कि अब हम खड़ा करेंगे….नतीजा क्या हुआ? आंध्र प्रदेश में उनका एमपी घट कर हो गया 3 और 23 विधायक जीते सत्ता से बाहर हो गए…. ‘

*जिस पार्टी का अपना ठिकाना नहीं है…’*

प्रशांत किशोर ने यह उदाहरण देकर नीतीश को सियासी आईना दिखा दिया है। पीके ने कहा है कि, ‘मैंने वही कहा कि अपना ठिकाना है नहीं….नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। जिस पार्टी का जीरो एमपी है, वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है। जिस पार्टी का अपना ठिकाना नहीं है, वह पूरे देश से पार्टियों को एकत्र कर रहा है।

*नीतीश ममता और अखिलेश से मिल चुके हैं*

गौरतलब हो कि जदयू सुप्रीमो सह बिहार के सीएम नीतीश सोमवार को अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर पहले कोलकाता गए थे और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से इस संबंध में मुलाकात की थी। फिर वह लखनऊ जाकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से भी मुलाकात करने पहुंचे हुए थे।

*नीतीश कुमार को कौन पूछता है वहां*

अब प्रशांत किशोर का कहना है कि ‘हमसे ज्यादा जानते हैं ममता बनर्जी को नीतीश कुमार ?….नीतीश कुमार को कौन पूछता है वहां (बंगाल में)?’ वे बोले कि ‘क्या ममता कांग्रेस के लिए बंगाल में सीट छोड़ने को तैयार हो गईं? या वह लालू और नीतीश को बंगाल में चुनाव लड़ाएंगी? या टीएमसी को बिहार में एक सीट भी देंगी वो?’

*राहुल की अयोग्यता के बाद विपक्षी एकता की हो रही है पहल*

वहीं ममता और अखिलेश से मुलाकात से पहले नीतीश अपने इसी अभियान के तहत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी से भी मिल चुके हैं। राहुल की आपराधिक मानहानि मामले में अयोग्यता के बाद से ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की कवायद तेज की गई है।

*मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए-नीतीश*

इससे पहले सभी विपक्षी दलों से भविष्य की रणनीति तय करने के लिए नीतीश ने बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि, ‘मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। मैं देश के हित में कार्य करूंगा और भी लोग होंगे और हम लोग बैठेंगे और इस पर फैसला करेंगे।’उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था कि ‘भारत के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है, जो लोग सत्ता में हैं, वह सिर्फ अपने हित के लिए प्रचार कर रहे हैं।’

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