जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
19 नवंबर 2022

भागलपुर/पटना : किस्‍मत का मारा, कुर्सी बेचारा, कुछ ऐसा ही हाल हो गया है नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी का। भाजपा मुख्‍यालय में नेता प्रतिपक्ष के बैठने के लिए कोई जगह आंवटित नहीं हुई है। इतना ही नहीं, पार्टी कार्यालय की दीवारों पर लगे पोस्‍टर पर भी उन्‍हें अभी तक कोई जगह नहीं दी गई है।

बिहार के नेता प्रतिपक्ष यानी विजय कुमार सिन्‍हा और सम्राट चौधरी। विदित हो कि, 24 अगस्‍त की शाम से विधानसभा में विजय सिन्‍हा और परिषद में सम्राट चौधरी नेता प्रतिपक्ष बने हुए हैं। इन दोनों नेताओं के पदभार संभाले हुए लगभग ढाई महीने हो गये, लेकिन भाजपा मुख्‍यालय में उनके लिए बैठने की अलग से कोई कक्ष आवंटित नहीं किया गया है। ये दोनों प्रदेश अध्‍यक्ष के चैंबर में ही बैठते हैं। इसके साथ ही दीवारों पर लगे पोस्‍टर में अभी भी प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल के साथ ता‍रकिशोर प्रसाद और रेणु देवी की तस्‍वीरें लगी हुई है। पार्टी परंपरा के अनुसार, पोस्‍टर पर प्रदेश अध्‍यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष या उपमुख्‍यमंत्री की तस्‍वीर लगी रहती थी। दरअसल, भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष का कार्यकाल दिसंबर महीने में समाप्‍त होने वाला है इसलिए नये प्रदेश अध्‍यक्ष के मनोनयन तक नेता प्रतिपक्ष को दीवार पर भी जगह मिलने की उम्‍मीद नहीं दिखती है।

उधर, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष को आवास संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। अभी विजय सिन्‍हा स्‍पीकर के लिए कर्णांकित आवास में ही रह रहे हैं और स्‍पीकर अवध विहारी चौधरी बिहार म्‍यूजियम के पीछे विधायक आवास में रह रहे हैं। आवास आवंटन का खेल भी बेहद निराला है। विजय सिन्‍हा को नेता प्रतिपक्ष के रूप में पोलो रोड स्थित आवास आवंटित हुआ है। यह आवास फिलहाल तेजस्‍वी यादव के कब्‍जे में हैं। उपमुख्‍यमंत्री के लिए आवंटित आवास में तारकिशोर प्रसाद रह रहे हैं। उन्‍हें तेज प्रताप यादव वाला मकान आवंटित किया गया है। तेज प्रताप यादव को रेणु देवी का मकान आवंटित किया गया है और रेणु देवी को मंत्री बन गये विधायक शाहनवाज आलम (कर्पूरी ठाकुर पुल के पास) का आवास आवंटित किया गया है। शाहनवाज आलम अभी अपना मकान भवन निर्माण विभाग को नहीं सौंपे हैं जिसके कारण रेणु देवी वर्तमान आवास नहीं छोड़ रही हैं। यह सभी मकान आपस में ऐसे आवंटित हैं कि एक खाली होने के बाद दूसरे का प्रवेश संभव है। रोचक बात यह है कि खाली करने की हड़बड़ी में कोई नहीं हैं। इसलिए सबको आवास आवंटित करने वाले स्‍पीकर खुद अपने लिए कर्णांकित आवास खाली होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये सभी वर्तमान सदस्‍य हैं, इसलिए उपेंद्र कुशवाहा की तरह इनका सामान उठाकर बाहर फेंकना संभव नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि 2005-06 में चुनाव हार चुके उपेंद्र कुशवाहा (पूर्व नेता प्रतिपक्ष) का सामान प्रशासन ने सड़क पर फेंक दिया था।

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