बड़े पैमाने पर नगदी और जेवरात बरामद,भारी मुसीबत में तेजस्वी
जनपथ न्यूज डेस्क/पटना
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
12 मार्च 2023
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव परिवार के 24 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की छापेमारी में 600 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। ईडी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में ये जानकारी दी गयी है। ईडी के खुलासे के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ-साथ उनके परिवार के कई और लोग भारी मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। ईडी ने दावा किया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले हैं।
ईडी की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर छापेमारी की गयी थी। जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में दिल्ली एनसीआर,पटना,मुंबई और रांची में 24 जगहों पर छापा मारा गया था। इन जगहों पर तलाशी में 1 करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित दूसरी विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की ईंट, और डेढ़ किलोग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण बरामद किये गये।
सोना के आभूषण की कीमत लगभग सवा करोड़ रूपये है। इसके साथ ही कई संपत्तियों के दस्तावेज, बिक्री किये गये संपत्ति के कागजात और दूसरे आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी हुई। ईडी ने कहा है कि लालू परिवार ने अपने और बेनामी लोगों के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन और दूसरे सामान की खरीद की है। इन सबों के दस्तावेज मिले हैं।
ईडी ने कहा है कि छापेमारी में लगभग 600 करोड़ रुपये की अपराधिक आय का पता चला है। यानि 600 करोड़ की संपत्ति गलत तरीके से अर्जित की गयी। इनमें से 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति मिली है, वहीं, बेनामी लोगों के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेनदेन किए गए हैं।
*लालू ने नौकरी देने के एवज में 200 करोड़ की जमीन ली*
ईडी ने कहा है कि अब तक की गई जांच से पता चला है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार द्वारा रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों की अवैध रूप से रजिस्ट्री करायी गई। इस जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रूपये से ज्यादा है। ईडी ने इन जमीनों की रजिस्ट्री के लिए खडे किये गये कई बेनामी लोगों, फर्जी संस्थाओं और दूसरे लोगों की पहचान की है।
*फंस गये तेजस्वी?*
ईडी ने कहा है कि उसके द्वारा की गयी जांच में पता चला है कि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के डी-1088 नंबर का मकान ,मैसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है। ये चार मंजिला कोठी है जो तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनी ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का है। 150 करोड़ के मूल्य वाले इस बंगले को तेजस्वी यादव और उनके परिवार को कागज पर मात्र 4 लाख रुपये के मूल्य पर बेच दिया गया है।
ईडी ने कहा है कि इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नगदी/अपराध की आय का उपयोग किया गया है। इसके लिए आभूषण क्षेत्र में काम करने वाली मुंबई की कुछ संस्थाओं का उपयोग किया। उनके जरिये बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति की हेरा-फेरी की गयी। दिल्ली की इस कोठी को दो कंपनी मैसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है। लेकिन इसका उपयोग विशेष रूप से लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है। ईडी ने जब रेड किया तो तेजस्वी प्रसाद यादव इसी मकान में ठहरे हुए पाए गए और इस मकान को अपनी आवासीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करते पाए गए।ईडी की जांच में पाया गया है कि लालू यादव के परिवार द्वारा रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले गरीब लोगों से मात्र 7.5 लाख रुपये में जमीन के चार प्लॉट खरीदने की जानकारी दी गयी है। सिर्फ साढ़े सात लाख रूपये में खरीदी गयी इन चार जमीन को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को साढ़े तीन करोड़ में बेच दिया गया। ईडी की जांच में पाया गया है कि साढ़े तीन करोड़ रूपये का बड़ा हिस्सा तेजस्वी प्रसाद यादव के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि इसी तरह रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के एवज में कई गरीब माता-पिता और उम्मीदवारों की जमीनें ली गईं। जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि कई रेलवे जोन में भर्ती किए गए उम्मीदवारों में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग लालू यादव और परिवार के विधानसभा क्षेत्र से थे। इस संबंध में आगे की जांच की जा रही है।
ईडी ने कहा है कि लालू यादव के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए निवेश का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। ईडी ने खास तौर पर कहा है कि तलाशी लेते समय, सभी कानूनी औपचारिकताओं का पूरी तरह से पालन किया गया और तलाशी परिसर में मौजूद महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के साथ उचित शिष्टाचार का व्यवहार किया गया।