अब होगा किसानों को करोड़ों का फायदा

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
12 मार्च 2023

भागलपुर : जिला के किसानों के लिए यह खुशखबरी है कि केंद्र सरकार की ओर से पांच कृषक उत्पादक संगठन को जो एक्सपोर्ट लाइसेंस मिला था, उसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है।एफपीओ से विदेशों में भागलपुर उत्पादों की डिमांड बढ़ने लगी है। इतना ही नहीं मलेशिया से जहां पांच मैट्रिक टन कतरनी चावल व चूड़ा की डिमांड की गयी है तो लंदन के निवेशक पांच मीट्रिक टन जर्दालू आम तैयार रखने की एडवांस डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में भागलपुर के प्रोडक्ट को ग्लोबल मार्केट मिलना शुरू हो गया।

*राकेश कुमार सिंह के प्रयास ने लाया रंग*: कृषि विभाग के अंतर्गत एफपीओ-कृषक उत्पादक संगठन एग्रो पॉइंट कृषक प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड से सबसे पहले विदेशों से निवेशकों ने संपर्क किया। इस एफपीओ के टीम लीडर पीरपैंती निवासी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ से एमबीए किया। इसके बाद सर्वोदय उच्च विद्यालय शोभनाथपुर में कार्यरत होकर यहां के छात्रों का मार्गदर्शन करके नेशनल लेवल की विज्ञान प्रदर्शनी में शिरकत कराया। जैविक व प्राकृतिक रूप से खेती को बढ़ावा दिया। उनकी उपलब्धि को देखते हुए आइआइटी बॉम्बे की ओर से संचालित स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट का नोडल पदाधिकारी चुना गया। सभी जगहों का अनुभव लेकर आज भागलपुर के किसानों को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए प्रयासरत हैं। लगातार प्रयास से भागलपुर उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेशिया की राजधानी क्वालालामपुर से पांच मीट्रिक टन कतरनी चूड़ा व चावल की डिमांड हुई है। अब केवल रेट पर मामला फंसा हुआ है।वहीं इंग्लैंड से पांच मीट्रिक टन जर्दालू आम की डिमांड एडवांस हो चुकी है।

*पांच कृषक उत्पादक संगठन को मिला एक्सपोर्ट लाइसेंस*: इसे लेकर आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स से पांच कृषक उत्पादक संगठन को एक्सपोर्ट लाइसेंस मिला है। लाइसेंस मिलने के साथ ही यह सकारात्मक असर दिख रहा है।इससे पहले भी भागलपुर के उत्पादों का निर्यात कम मात्रा में हुआ था। भागलपुर का कतरनी चावल-चूड़ा और जर्दालू आम को जीआइ टैग ( ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग) मिला है। कतरनी चावल,चूड़ा और जर्दालू आम भागलपुर की पहचान है। इसकी डिमांड देश व विदेश में काफी है।

*दिखने लगा सकारात्मक परिणाम*: वहीं उद्यान विभाग के सहायक निदेशक विकास कुमार ने बताया कि एफपीओ को एक्सपोर्ट लाइसेंस मिलने के बाद ही सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। पीरपैंती के एफपीओ से सूचना मिली, जो कि बड़ी खुशखबरी है। केवल मार्केट मिलने की जरूरत थी, जो कि एक्सपोर्ट लाइसेंस मिलने के बाद अब मिलने लगा है। इसके अलावा भागलपुर में स्ट्राबेरी, मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, सेब, जुकुनी, विदेशी पपीता आदि की खेती बढ़ने लगी है। ग्लोबल मार्केट मिलने पर यहां के उत्पादों का निर्यात होगा तो किसानों को मुंहमांगा लाभ मिलेगा।

*इन कृषक उत्पादक संगठन को मिला है लाइसेंस*

• ट्रांसपेरेंट एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गोराडीह।
• एग्रो पॉइंट कृषक प्रोडयूसर कम्पनी लिमिटेड, पीरपैंती।
• ब्रसनिक एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, बिहपुर।
• अंग प्रदेश उत्थान एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड।
• सरस बसुधा एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गोपालपुर।

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