जनपथ न्यूज डेस्क
आलेख/अलेखाकार: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
25 नवंबर 2022

भागलपुर : 2014 मे “हर साल 2 करोड़ रोजगार” के नाम पर केन्द्र मे सरकार बनाने वाली जनविरोधी भाजपा ने रोजगार के बदले धार्मिक उन्माद को देश की भोली-भाली जनता को पड़ोस दिया और बाद मे फिर से “हर साल 2 करोड़ रोजगार” को चुनावी जुमला बताते हुए आपकी उम्मीद, आपकी कड़ी मेहनत को बर्बाद करके रख दिया। 2020 का बिहार विधानसभा का चुनाव आपको याद ही होगा कि कैसे एक युवा तुर्क नौजवान नेता ने जनहित के मुद्दे (रोजगार) को लेकर न केवल चुनावी मैदान में उतरे बल्कि देश की राजनीति और हालात की फिजां ही बदल दिया। नारा दिया पढ़ाई, लिखाई, दवाई, सिचाई, कमाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार का। देश मे फैले धार्मिक उन्माद को देखकर क्या कोई कह सकता था कि असली मुद्दों पर चुनाव होगा, लेकिन युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बहुत ही सहजता से इसे कर के दिखा दिया, जिसे देख विरोधियों को भी ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

देश मे जब धार्मिक उन्माद और झूठे राष्ट्रवाद के साथ सांप्रदायिकता का माहौल तेजी से फल-फूल रहा था कि जनसरोकार को कर्तव्य मानकर जनहित के लिए आदरणीय नितीश कुमार जी और आदरणीय तेजस्वी प्रसाद यादव जी के कुशल नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी। जो सरकार जनसरोकार के लिए बनी हो, उसका तो पहला कर्तव्य ही है कि जन उम्मीद पर खरा उतरना। आपने देखा ही है पिछले कुछ महिनों से बिहार में नियुक्तियां या तो निकल रही है या तो बंट रही है। पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी देकर बिहार के युवाओं का भविष्य उज्जवल बनाया जा रहा है। बिहार में महागठबंधन की सजग सरकार हर तबके के विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है। बिहार में हर तरफ केवल विकास का काम हो रहा है।

अब फिर देश में कई जगह चुनाव हो रहे हैं और फिर से बिहार ही देश को राह दिखाने का काम कर रहा है। पढ़ाई-लिखाई, दवाई, कमाई, सिचाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार अपना हर काम बहुत ही सहजता से कर रही है। बचपन में हमलोग एक कहानी पढ़ते थे, बहेलिया आयेगा, दाना डालेगा, जाल बिछाएगा, जाल में फंसना नहीं है। देश मे बढ़ती महंगाई, बेकारी, बेरोजगारी, बेगारी और भूखमरी से आम जनता परेशान है। देश की आम जनता को बिहार की रोजगार वाली सरकार से उम्मीद की किरण जगी है। इसी को भांप कर देश की जनविरोधी भाजपा सरकार ने फिर से रोजगार का जुमला देना शुरू कर दिया है। 2020 में जिस युवा तुर्क ने इनको जनहित के मुद्दों पर चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया था, आज फिर वही यशस्वी नेता ने इनको जनहित के मुद्दों पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस वाक्ये से यह बात प्रमाणित होता है कि झुकता तो आसमान भी है, बस झुकाने वाला होना चाहिए। दिनभर नफरत बांटने वाले लोगों को अब सत्ता से जाने का डर सता रहा है, इसलिये ये लोग फिर से जाल बिछाने लगे हैं।

बिहार एक पिछड़ा राज्य है, लगातार बिहार के लोगों के विकास के लिए आदरणीय नेताजी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे है, लेकिन देश की जनविरोधी सरकार केवल धार्मिक उन्माद फैला रही है। बिहार में स्वास्थ्य संबंधित मुश्किलें बहुत ज्यादा थी। जबसे बिहार के बतौर उप-मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पदभार संभाला है, बिहार की स्वास्थ्य ब्यवस्था बेहतर हो गई है। मिशन 60 दिन के तहत प्रदेश के सभी अस्पतालों की ब्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है। चाहे औचक निरीक्षण हो, साफ-सफाई हो, डाॅक्टर हो, नर्से हो, दवाई हो, सुनवाई हो और कार्रवाई हो; सब पर काम किया जा रहा है। बैनीआहपीनाला (बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल) के तर्ज पर हर दिन मरीज के बेड बदले जा रहे हैं। अस्पतालों की ब्यवस्था को ब्यवस्थित किया जा रहा है। आजकल जो भी अस्पताल जा रहा है, उसको फर्क दिख रहा है और यह बिहार की महान जनता के जुबान पर है कि हर क्षेत्र में अब काम हो रहा है।

देश की जनविरोधी नफरत बांटने वाली भाजपा सरकार को जब कोई मुद्दा ही नही मिल रहा है तो अब वो जाल बिछा रही है। भाजपा के लोग अनाप-शनाप ब्यान दे रहे हैं। हर साल 2 करोड़ रोजगार के हिसाब से 2014 से अबतक लगभग 18 करोड़ रोजगार तो मिल ही जाना चाहिए था, लेकिन फोटो खिचाने के लिए ऊट के मूंह मे जीरा के नाम जैसे कुछ कर रही है। लोगों को अपमानित कर रही है। दिनभर जाति धर्म के नाम पर नफरत बांटकर देश का संतुलन खराब करने वाले भाजपाई लोगों का मानसिक संतुलन हिला हुआ है। देश की महान जनता ने 2024 के चुनावों में इनको उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं। फिर से बिहार ने एक बार देश को रास्ता दिखाया है, देश उसपर चलने के लिए भी तैयार है।

दुसरो का भला चाहने वाला एक नौजवान ही बदलाव ला सकता है। भारत एक युवा देश है और यहां के युवाओं के कंधो पर देश का भविष्य सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। बिहार से एक यशस्वी युवा नौजवान आदरणीय तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपनी उड़ान भरी है और अब आपकी बारी है।

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