निपटाने होंगे 5 महत्वपूर्ण काम चुनौतियां
जनपथ न्यूज डेस्क
Report: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
7 फरवरी 2023
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद प्रसाद यादव का दिसंबर 2022 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उसके बाद से वह अभी तक सिंगापुर में ही हैं। वे वहां अपनी बेटी रोहिणी आचार्य के घर पर हैं और बेड रेस्ट कर रहे हैं। ऐसी खबर है कि 10 फरवरी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की वतन वापसी हो सकती है। लालू की वापसी की चर्चा के बीच कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल देखा जा रहा है। बिहार महागठबंधन में भी फिलहाल कुछ ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है। घटक दलों में अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही है।
जदयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा तो राजद की ओर से सुधाकर सिंह बागी हो चुके हैं। उधर, कांग्रेस दो और मंत्री पद के लिए हाथ-पैर मार रही है। जीतनराम मांझी की पार्टी भी नीतीश कुमार पर हमला साधती रहती है। लालू प्रसाद सिंगापुर से लौटेंगे तो उनके सामने भी बिहार की महागठबंधन यानी कि उनकी सरकार को लेकर कई सारी चुनौतियां होंगी। इनका फैसला लालू यादव को करना होगा। आईए पांच खास बिंदुओं के बारे में जानते हैं कि वतन वापसी के बाद लालू प्रसाद के सामने क्या-क्या चुनौतियां हो सकती हैं।
1. सुधाकर सिंह पर लेना है एक्शन : महागठबंधन सरकार में नीतीश की पार्टी जदयू और लालू प्रसाद की पार्टी राजद मुख्य भूमिका में है। राजद के विधायक सह पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसते रहते हैं। उनके खिलाफ वे बयानों की बौछार लगा देते हैं और उनके कार्य व कार्यशैली पर सवाल खड़े कर देते हैं। इसे लेकर राजद पार्टी की ओर से श्री सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जदयू समेत महागठबंधन दल की अन्य पार्टियों ने सुधाकर मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की थी। अब राजद को टेंशन है कि लालू प्रसाद के आने के बाद फैसला होगा. तो राजद सुप्रीमो को अपने बागी विधायक सुधाकर पर क्या फैसला ले सकते हैं? अब वह क्या कार्रवाई करेंगे ये तो बाद में पता चलेगा।
2. बिहार की डील पॉलिटिक्स को लालू प्रसाद कैसे करेंगे टेकल : जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीते दिनों राजद और जदयू के बीच हुई किसी डील का खुलासा किया था। उनका कहना हुआ कि दोनों पार्टी ने सरकार बनाने के लिए डील की थी। अब डील क्या थी, इसके बारे में किसी को नहीं पता। डील पॉलिटिक्स को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी नेताओं की कई तरह की प्रक्रिया भी आई। लालू यादव के आने के बाद उनसे इस तरह के सवाल किए जाएंगे और इन बातों पर लालू का क्या रिएक्शन होगा और जदयू नेता की डील वाली बात को लालू कैसे लेंगे ये भी चुनौती हो सकती है। लालू को इस पर भी फैसला लेना पड़ सकता है।
3. कांग्रेस मांग रही मंत्री पद और तेजस्वी ने किया है मना : बिहार महागठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है। बिहार कांग्रेस की ओर से मंत्री पदों की मांग की गई है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने चार मंत्री पदों की मांग की है। हालांकि इसके लिए तेजस्वी तैयार नहीं हैं. लालू यादव के लौटने के बाद इस मामले को भी संज्ञान में ले सकते हैं। महागठबंधन की पार्टियों को समझाने के लिए लालू यादव प्रयास कर सकते हैं। ये भी उनके लिए चुनौती ही होगी।
4. तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की चाहत रख रही राजद : कई दफे नीतीश कुमार कह चुके हैं कि तेजस्वी को आगे बढ़ाना है। इन बातों पर उपेंद्र कुशवाहा को भी नाराजगी रही है। मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के लोगों को छोड़ किसी और को आगे बढ़ा रहे। अब चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार देश की राजनीति करेंगे तो बिहार की गद्दी तेजस्वी को जाएगी। इस पर जदयू और राजद में भी खिटपिट हो गई है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन धर्म का पालन किया और उपेन्द्र कुशवाहा को छोड़ दिया। उधर, वो आए दिन खुलासा करने की बात कहते रहते हैं।
5. राजद को बढ़ाने और लोकसभा चुनाव के लिए करेंगे मंथन : लोकसभा चुनाव- 2024 के लिए लालू प्रसाद यादव रणनीति अपनाएंगे और अपनी पार्टी को और भी मजबूत बनाने का मंत्र देंगे। अब देखना ये होगा कि क्या नीतीश कुमार देश की राजनीति में उतरेंगे या नहीं। इसके लिए राजद का सपोर्ट अहम होगा और सुप्रीमो लालू प्रसाद के फैसले यहां सबसे महत्वपूर्ण होंगे। हालांकि देखा जाए तो लालू प्रसाद की सेहत बहुत अच्छी नहीं है. अभी किडनी ट्रांसप्लांट को दो महीने ही हुए हैं, लेकिन पार्टी को वह हर तरह से गाइड करते हैं। बिहार में महागठबंधन सरकार के भविष्य को लेकर भी वह सजग हैं और इसके लिए भी जरूरी मीटिंग कर सकते है।