जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
7 फरवरी 2023

भागलपुर : उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा अभी जदयू में किसी पद पर नहीं हैं। वे सिर्फ एमएलसी हैं, पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी नहीं है।
ललन सिंह के इस बयान से बिहार की सियासत और गरमा गई है। उपेंद्र कुशवाहा के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि जो बात वे बोल रहे हैं और जो कर रहे हैं, दोनों में विरोधाभास है। कभी बोलते हैं कि पार्टी कमजोर हो गयी है, जिसे वे मजबूत करना चाहते हैं। रोज मीडिया में वे कई तरह का बयान दे रहे हैं और अब वे कार्यकर्ताओं की बैठक भी बुला रहे हैं। ऐसा करके वे पार्टी को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाना चाह रहे हैं।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने कुशवाहा को पर्याप्त इज्जत दी लेकिन इसके बावजूद वे क्या कर रहे हैं, यह किसी से छिपी हुई नहीं है और इस बात को सभी जानते हैं। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से वे खुद ही हटे हुए है। अभी जदयू संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई नहीं है। अभी जो चुनाव हुआ है,उसके बाद कोई गठन नहीं हुआ है। केंद्रीय पदाधिकारी की सूची भी अभी जारी नहीं की गई है। जब तक हम पदाधिकारी नहीं बनाते हैं, तब तक अभी कोई पदाधिकारी नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ जदयू के एमएलसी के तौर पर हैं।
गौरतलब हो कि उपेंद्र कुशवाहा ने आगामी 19 और 20 फरवरी को पटना में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का ऐलान किया है। इसे लेकर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि इस कार्यक्रम पर जदयू की पैनी नजर है। उन्हें पूरा विश्वास है कि नीतीश जी का कोई भी कार्यकर्ता कुशवाहा की बैठक में शामिल नहीं होगा। यदि कोई कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल होता है,तो पार्टी उसपर कार्रवाई करेगी।

उमेश कुशवाहा ने भी यह साफ कर दिया है कि अब उपेंद्र कुशवाहा से किसी तरह की बातचीत नहीं होगी। जो व्यक्ति अपने स्वार्थ में अंधा हो गया हो और जो अवसरवादी हो, ऐसे लोगों का यही हश्र होता है। ऐसे लोग अपना राजनीतिक जमीन खो देते हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी का विलय जदयू में किया था, तब उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को पार्टी से दूर रखने का काम किया था।
कभी भी अपने कार्यकर्ताओं को जदयू से जोड़कर नहीं रखा। सभी को महात्मा फूले से जोड़कर रखा गया। जिस आदमी ने पार्टी के मर्यादा को तार-तार कर दिया हो, उनके बारे में हम और क्या कह सकते हैं। उमेश कुशवाहा ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जी के संघर्ष की उपज की जदयू पार्टी है। हमें पूरा विश्वास है कि उनका कोई कार्यकर्ता उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में भाग नहीं लेगा। वैसे हम लोगों की नजर सभी पर है।

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