केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत तक तैयार होने की संभावना है तथा देश की बड़ी आबादी को देखते हुए इसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए कई वैक्सीन निर्माताओं से संपर्क किया जायेगा।
डॉ हर्षवर्धन ने इससे पहले संडे संवाद में भी यह बात दोहरायी थी कि देश की आबादी को देखते हुए वैक्सीन की आपूर्ति किसी एक स्रोत से की ही नहीं जा सकती है और इसके लिए कई स्रोतों से यानी वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की खरीद करनी होगी।
कोविड-19 के लिए गठित मंत्री समूह की मंगलवार को आयोजित 21वीं बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने साथ ही देश कोरोना संक्रमण की स्थिति और उससे जुड़े पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने आगामी त्योहारी मौसम में कोरोना संक्रमण के प्रसार के बढ़ने की आशंका पर चिंता व्यक्त की और सभी से अपील की कि वे त्योहारों को मनाने के दौरान कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन जरूर करें।
उन्होंने साथ ही कहा कि सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे में लोगों को कोविड-19 अनुकूल व्यवहार अपनाने के प्रति प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी जन आंदोलन की शुरूआत की है।
डॉ हर्षवर्धन ने कई माह से अनवरत कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डटे कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने साथ ही मंत्री समूह को अवगत कराया कि देश में कोरोना के खिलाफ जन स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह सुदृढ की गयी और इससे क्या सकारात्मक परिणाम रहे।
उन्होंने बताया कि भारत में सर्वाधिक 62,27,295 व्यक्ति कोरोना संक्रमण मुक्त हुए हैं और राष्ट्रीय औसत रिकवरी दर 86.78 प्रतिशत है। देश में कोरोना मृत्युदर दुनिया में सबसे कम 1.53 प्रतिशत है और संक्रमण के दोगुना हाेने (डब्लिंग टाइम) का समय तीन दिन से बढ़कर अब 74.9 दिन हो गया है। देशभर में 1,927 कोरोना टेस्ट लैब दिन रात कोरोना जांच कर रहे हैं जिससे देश की जांच क्षमता बढ़कर औसतन 15 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो गयी है।

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